जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में सभी दलों से बात करेंगे जेपी नड्डा, FIR करने की याचिका सुनेगा SC
NewDelhi : दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर भारी मात्रा में कैश बरामदगी के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे. न्यायमूर्ति वर्मा के लुटियंस इलाके में स्थित आवास में 14 मार्च को देर रात आग […]

NewDelhi : दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर भारी मात्रा में कैश बरामदगी के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे. न्यायमूर्ति वर्मा के लुटियंस इलाके में स्थित आवास में 14 मार्च को देर रात आग लगने के बाद कथित तौर पर भारी संख्या में अधजली नकदी बरामद हुई थी.
VIDEO | On RS Chairman Jagdeep Dhankhar’s meeting with floor leaders over the matter of cash recovery from residence of Justice Yashwant Varma, Congress MP Pramod Tiwari (@pramodtiwari700) says, “It became clear yesterday, when I raised the matter, the chair of the House called a… pic.twitter.com/bhnr5gphpJ
— Press Trust of India (@PTI_News) March 26, 2025
VIDEO | Calling for abolition of collegium system after transfer of Justice Yashwant Varma from Delhi High Court to Allahabad High Court, Allahabad HC Bar Association Secretary Vikrant Pandey says, “What Jagdeep Dhankhar spoke is correct, when Modi government came to power, they… pic.twitter.com/SECMgmXkfP
— Press Trust of India (@PTI_News) March 26, 2025
जेपी नड्डा आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे
सूत्रों के अनुसार, श्री नड्डा इस संवेदनशील मामले में आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे, ताकि संसद में जारी गतिरोध खत्म किया जा सके. बता दें कि कल मंगलवार को विभिन्न दलों के फ्लोर नेताओं के साथ राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बैठक की थी.
सभापति ने जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक कर विचार-विमर्श किया था. इसके बाद कहा गया कि इस मुद्दे को आगे बढ़ाने से पहले CJI द्वारा नियुक्त आंतरिक जांच पैनल के नतीजे का इंतजार किया जायेगा.
बैठक करीब एक घंटे तक चली थी, लेकिन इस गंभीर मसले पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. हालांकि सभी नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि न्यायपालिका पर लगे ऐसे आरोप गंभीर हैं और इसकी जड़ तक जाना जरूरी है. सूत्रों के अनुसार सभी फ्लोर लीडर्स अब अपनी-अपनी पार्टियों के साथ चर्चा करेंगे ताकि इस मसले पर उनकी पार्टी की आधिकारिक राय सामने आ पाये
नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट्स कमिशन लागू करने पर सहमति बनाने की कवायद
सूत्रों के अनुसार सरकार(मोदी) विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स के साथ अलग-अलग बैठकें करेगी ताकि नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट्स कमिशन (NJAC) को फिर से लागू करने पर सहमति बन सके. बता दें कि NJAC को 2014 में 99वें संविधान संशोधन के जरिए पेश किया गया था, जिसे 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था. कहा था कि NJAC न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरे में डालता है और यह संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन करता है.
SC ने याचिकाकर्ता को रजिस्ट्री से संपर्क करने को कहा
इधर सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में दिल्ली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करनेवाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से संपर्क करने को कहा
अधिवक्ता मैथ्यूज जे. नेदुम्परा ने सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ से आग्रह किया था कि याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाये. क्योंकि यह व्यापक जनहित से संबंधित है.
अधिवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सराहनीय काम किया है, लेकिन इस मामले में प्राथमिकी दर्ज किये जाने की जरूरत है. इस पर सीजेआई ने सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करने की नसीहत दी.
मामले की सह-याचिकाकर्ता महिला ने दलील दी कि यदि ऐसा मामला किसी आम नागरिक के खिलाफ होता तो सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियां उसके पीछे लग जातीं. इस पर सीजेआई ने कहा, यह काफी है. याचिका पर हम सुनवाई करेंगे.
बता दें कि अधिवक्ता नेदुम्परा और तीन अन्य ने रविवार को याचिका दायर कर गुहार लगाई थी कि पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाये.
याचिका में के वीरस्वामी मामले में 1991 के फैसले को भी चुनौती दी गयी है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि CJI की अनुमति के बिना उच्च न्यायालय या शीर्ष अदालत के किसी न्यायाधीश के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती.
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