झारखंड ऊर्जा विभाग के खाते से 107 करोड़ का फर्जी ट्रांसफर मामला: बंगाल में मोबाइल होलसेलर के खाते में ट्रांसफर हुए थे रकम
Ranchi : झारखंड ऊर्जा विभाग के खाते से 107 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी का मामला सामने आया है. इसमें आरोप है कि आरोपियों ने बड़ी राशि की फर्जी ट्रांसफर की थी, जो पश्चिम बंगाल में स्थित मोबाइल होलसेलरों के खातों में भेजी गई. मामले की जांच झारखंड सीआईडी ने शुरू की है और डीजीपी […]
Ranchi : झारखंड ऊर्जा विभाग के खाते से 107 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी का मामला सामने आया है. इसमें आरोप है कि आरोपियों ने बड़ी राशि की फर्जी ट्रांसफर की थी, जो पश्चिम बंगाल में स्थित मोबाइल होलसेलरों के खातों में भेजी गई. मामले की जांच झारखंड सीआईडी ने शुरू की है और डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर एटीएस एसपी ऋषभ झा के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है.
जांच में पता चला कि 107 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के लिए लगभग 1200 खातों का उपयोग किया गया था, जिनमें सैकड़ों सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया था. अब तक 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि को फ्रीज किया जा चुका है, और इस मामले में सेंट्रल बैंक के एक मैनेजर समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
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इस मामले में ये लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
घटना की शुरुआत तीन अक्टूबर को हुई, जब झारखंड टूरिज्म डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जेटीडीसी) के जीएम, फाइनेंस ने 10.4 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी. इसके अगले दिन झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड और झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के खातों से क्रमशः 40.5 करोड़ और 56.5 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी का मामला सामने आया. अब तक 350 से ज्यादा फर्जी खाते पता चले हैं और 39 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि फ्रीज की गई है.
इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों में जेटीडीसी के तत्कालीन लेखपाल गिरिजा सिंह, केनरा बैंक हटिया के शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार, साजिशकर्ता रूद्र उर्फ समीर, रांची के लोकेश्वर शाह, सेंट्रल बैंक के शाखा प्रबंधक लोलस लकड़ा और इलाहाबाद बैंक के अमर कुमार शामिल हैं.
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