झारखंड में लव जिहाद, लैंड जिहाद, वोट जिहाद के बाद पॉलिटिकल जिहाद : प्रतुल शाहदेव

आलमगीर आलम के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की भी हो जांच Ranchi : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में सत्तारूढ़ गठबंधन पर पॉलिटिकल जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. मुस्लिम समुदाय के एक तबके के द्वारा भोली भाली आदिवासी लड़कियों को प्रेम जाल में फांसकर विवाह किया जाता है. […]

May 18, 2024 - 17:30
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झारखंड में लव जिहाद, लैंड जिहाद, वोट जिहाद के बाद पॉलिटिकल जिहाद : प्रतुल शाहदेव
झारखंड में लव जिहाद, लैंड जिहाद, वोट जिहाद के बाद पॉलिटिकल जिहाद : प्रतुल शाहदेव

आलमगीर आलम के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की भी हो जांच

Ranchi : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में सत्तारूढ़ गठबंधन पर पॉलिटिकल जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. मुस्लिम समुदाय के एक तबके के द्वारा भोली भाली आदिवासी लड़कियों को प्रेम जाल में फांसकर विवाह किया जाता है. बाद में आदिवासियों के लिए आरक्षित मुखिया, जिला परिषद, पंचायत, सरपंच की सीटों पर उन्हें लड़ा कर सत्ता पर काबिज होने का पॉलिटिकल जिहाद होता है. उसके बाद से इस आदिवासी महिला की भूमिका को कम किया जाता है और सारा कामकाज उसके मुस्लिम पति देखने लगते हैं.

पाकुड़ जिले का दिया उदाहरण

प्रतुल ने कहा कि पाकुड़ जिले में ऐसे कई दर्जन उदाहरण हैं, जिस पर इन मुस्लिम कट्टरपंथियों ने अपनी आदिवासी पत्नियों को चुनाव जीता कर सत्ता में काबिज होने का षड्यंत्र रचा है. इनमें से कुछ ने तो इन भोली भाली आदिवासी बेटियों को फंसा कर दूसरी और तीसरी पत्नी के रूप में रखा हुआ है. प्रतुल ने पाकुड़ का उदाहरण देते हुए कहा कि लालू शेख, ख्यार शेख, महबूब आलम, आजाद मियां, वकील मंसूरी, उम्मेद अली अंसारी, अब्दुस शमीम, आजाद अंसारी, सागिर अंसारी, मोहम्मद शेख, हजरत अली कई दर्जन ऐसे मुस्लिम युवक हैं, जिन्होंने अपनी आदिवासी बेटियों को अपने मोह जाल में फंसा कर विवाह किया. फिर उन्हें विभिन्न स्तरों के चुनाव में लड़वाया और कई मामलों में जितवाया भी और उनके जरिए पॉलिटिकल जिहाद कर सत्ता पर काबिज हो गए.

उच्चस्तरीय जांच की करेंगे मांग

प्रतुल ने कहा कि जब उनकी सरकार बनेगी तो गृह मंत्रालय से पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे. आलमगीर आलम के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की जांच हो, आलमगीर आलम के बांग्लादेश में लंबे समय से रह रहे अरबपति भाई जहांगीर आलम की भी चल-अचल संपत्ति और कंपनियों की ईडी जांच करे. आलमगीर आलम का 90 के दशक में राजनीतिक उदय और उनके भाई जहांगीर आलम का बांग्लादेश इस दौरान शिफ्ट करना और खाक से शीर्ष तक पहुंचाने की कहानी की गहन जांच की आवश्यकता है. आलमगीर आलम का कद बढ़ता गया वैसे ही उनके भाई का वित्तीय साम्राज्य बढ़ता गया. आज वह अरबों रुपयों के मालिक हैं, और राइस, जुट और दवा से जुड़े व्यापार में सम्मिलित हैं.

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