ठेकेदार से 1.04 करोड़ रुपये की वसूल के मुकदमे में हाईकोर्ट से हारने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची

Ranchi: राज्य सरकार ने मेसर्स आदित्य एंड रश्मि कंस्ट्रक्शन से 1.04 करोड़ रुपये की वसूली के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है. कंपनी और सरकार के बीच छिड़ी कानूनी जंग में राज्य सरकार हाईकोर्ट में हार चुकी है. हाईकोर्ट से ठेका कंपनी के पक्ष में फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम […]

Mar 16, 2025 - 05:30
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ठेकेदार से 1.04 करोड़ रुपये की वसूल के मुकदमे में हाईकोर्ट से हारने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची

Ranchi: राज्य सरकार ने मेसर्स आदित्य एंड रश्मि कंस्ट्रक्शन से 1.04 करोड़ रुपये की वसूली के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है. कंपनी और सरकार के बीच छिड़ी कानूनी जंग में राज्य सरकार हाईकोर्ट में हार चुकी है.

हाईकोर्ट से ठेका कंपनी के पक्ष में फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील दायर किया है. सुप्रीम कोर्ट में सरकार की याचिका पर न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी और न्यायाधीश प्रसन्न भालचंद्र वराले की पीठ में सुनवाई हुई. 

सरकार की याचिका पर विचार के बाद न्यायालय ने कंपनी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष पेश करने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में होगी.

क्या है मामलाः मेसर्स आदित्य एंड रश्मि कंस्ट्रक्शन को साहिबगंज जिले में मयूरकोला नदी पर हाई लेवल ब्रिज बनाने का काम मिला था. ब्रिज निर्माण का काम तीन करोड़ रुपये की लागत पर दिसंबर 2013 तक पूरा करना था. ब्रिज निर्माण के लिए सरकार को जमीन का अधिग्रहण करना था, लेकिन कंपनी के साथ एकरारनामा करते वक्त तक जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया था. 

इकरारनामे के बाद सरकार ने जमीन का अधिग्रहण किया लेकिन मुआवजा भुगतान को लेकर विवाद कायम रहा. इससे काम में व्यवधान हुआ. सरकार द्वारा स्थानीय समस्याओं को हल नहीं करने की वजह से काम पूरा करने के लिए निर्धारित समय समाप्त हो गया. 

समय समाप्त होने के कुछ ही दिनों बाद सरकार ने इकरारनामा रद्द करने और ब्लैक लिस्ट करने के लिए नोटिस दिया. लेकिन कंपनी की ओर से दिये गये जवाब पर विचार किये बिना ही इकरारनामा रद्द करने और 1.04 करोड़ की वसूली का आदेश जारी कर दिया गया. 

कंपनी ने सरकार के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश दीपक रौशन की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद  वर्ष 2024 में अपना फैसला सुनाया.  

न्यायालय ने सरकार दावारा जारी वसूली आदेश को रद्द कर दिया. साथ ही कंपनी से पैसों की वसूली के लिए शुरू किये गये सर्टिफिकेट केस को भी रद्द कर दिया. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

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