देश का नाम भारत है तो भारत ही लिखो… मुगल काल में देश का बड़ा नुकसान हुआ : दत्तात्रेय होसबाले

Nagpur : अंग्रेजी में कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया और हिंदी में भारत का संविधान, अंग्रेजी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और हिंदी में भारत का रिज़र्व बैंक…ऐसा क्यों? सवाल उठना चाहिए…नाम भारत है तो भारत ही लिखो. मुगल काल में देश का बड़ा नुकसान हुआ. शिक्षा, उद्योग, संस्कृति, स्वाभिमान सबका नाश हुआ. यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक […]

Mar 11, 2025 - 17:30
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देश का नाम भारत है तो भारत ही लिखो… मुगल काल में देश का बड़ा नुकसान हुआ : दत्तात्रेय होसबाले

Nagpur : अंग्रेजी में कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया और हिंदी में भारत का संविधान, अंग्रेजी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और हिंदी में भारत का रिज़र्व बैंक…ऐसा क्यों? सवाल उठना चाहिए…नाम भारत है तो भारत ही लिखो. मुगल काल में देश का बड़ा नुकसान हुआ. शिक्षा, उद्योग, संस्कृति, स्वाभिमान सबका नाश हुआ. यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के हैं. उन्होंने याद दिलाया… जी-20 सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति भवन के निमंत्रण पत्र और 26 जनवरी के पीएम के निमंत्रण पत्र में रिपब्लिक ऑफ भारत लिखा गया, अंग्रेजी में…क्या यह किसी अन्य देश में संभव है?

भारत दूसरे देशों को कुचलने या दादागिरी करने के लिए नहीं है

उन्होंने कहा कि भारत विश्व के लिए जी रहा है. भारत दूसरे देशों को कुचलने या दादागिरी करने के लिए नहीं, भारत दूसरे देशों के कल्याण के लिए उठेगा. होसबाले ने कहा, कुछ लोगों का कहना हैं कि कुंभ धार्मिक नहीं है. यहां आने वाले लोग किसी देवी देवता का पूजा नहीं करते लेकिन यह धार्मिक अनुभूति है. दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि मुगल काल और इस्लामिक इनवेजन के समय देश के लोग मानते थे कि मुगल अपनी संस्कृति, रहन सहन, विचार में हमसे ऊपर नहीं है. मगर, अंग्रेजों के समय भारतीयों को लगने लगा कि ये हमसे श्रेष्ठ हैं. ऐसा आज भी है इसलिए यहां अंग्रेजियत है.

 दत्तात्रेय होसबाले प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे थे

पिछले दिनों दत्तात्रेय होसबाले प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि धर्म और संस्कृति की रक्षा समाज की संयुक्त शक्ति, संत समाज और शासन की समन्वित भूमिका से ही संभव है. महाकुंभ केवल सनातन संस्कृति का मेला नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं का अनूठा संगम और संकल्प का महापर्व है.

कहा था, नयी पीढ़ी को सनातन धर्म, संस्कृति और उसके मूल्यों से जोड़ा जाना जरूरी है. इसके लिए परिवार, समाज और धार्मिक संगठनों को एकजुट होकर काम करना होगा. संत समाज और सामाजिक नेतृत्व से अपील की थी कि वो युवाओं को धर्म और संस्कृति की महत्ता से अवगत करायें.

ऱफीकुल इस्लाम ने कहा, होसबाले का बयान नफरत से भरा है

संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के बयान पर एआईयूडीएफ विधायक(असम) और पार्टी महासचिव डॉ (हाफिज) रफीकुल इस्लाम ने कहा, उनका बयान नफरत से भरा है. हम अपने देश को गर्व के साथ भारत, इंडिया और हिंदुस्तान कहते हैं. अगर वे हर चीज के नाम बदलते रहेंगे तो उन्हें आरएसएस का नाम भी बदलना होगा.

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