धनबाद: कोयला ट्रांसपोर्टिंग का मजदूरों ने किया विरोध
Dhanbad: गोबिंदपुर क्षेत्र अन्तर्गत खरखरी कोलियरी भूमिगत खदान से सटे कोलडंप में रविवार को कोयला ट्रांसपोर्टिंग के लिये पहुंचे तीन हाइवा एवं एक पेलोडर को असंगठित मजदूरों के विरोध के कारण खाली लौटना पड़ा. मजदूर मैनुअल लोडिंग की मांग कर रहे थे. कहा जा रहा है कि सुबह लगभग 7:30 बजे एक साथ तीन हाइवा […]
Dhanbad: गोबिंदपुर क्षेत्र अन्तर्गत खरखरी कोलियरी भूमिगत खदान से सटे कोलडंप में रविवार को कोयला ट्रांसपोर्टिंग के लिये पहुंचे तीन हाइवा एवं एक पेलोडर को असंगठित मजदूरों के विरोध के कारण खाली लौटना पड़ा. मजदूर मैनुअल लोडिंग की मांग कर रहे थे. कहा जा रहा है कि सुबह लगभग 7:30 बजे एक साथ तीन हाइवा एवं एक पेलोडर कोलडम्प में दाखिल होने की खबर मिलते ही आसपास के दर्जनों असंगठित मजदूर कोलडंप में आ धमके. प्रबंधन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने लगे. मजदूरों के तेवर को देखते हुए कोलडंप में दाखिल हुए सभी वाहनों को वापस लौटना पड़ा. इस मौके पर मजदूरों ने कहा कि प्रबंधन मजदूर विरोधी नीति के तहत लोकल सेल को बंद कर मशीन से कोयला लोडिंग करके कोयला ट्रांसपोर्ट करना चाहती है, जो असंगठित मजदूरों के साथ सरासर अन्याय है.
कहा कि प्रबंधन की इस नीति के कारण असंगठित मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. प्रबंधन की इस मजदूर विरोधी नीति को सफल नहीं होने दिया जाएगा. बताते चलें कि कोलडंप में लगभग एक हजार टन कोयला पड़ा हुआ है. खरखरी कोलयरी भूमिगत खदान में कोयले का उत्पादन नहीं के बराबर है, जिससे पिछले छह माह से कोयले का उठाव नहीं हो पाया है. इधर पिछले 15 दिनों से सुरक्षा कारणों को लेकर डीजीएमएस द्वारा मजदूरों को खदान के अंदर जाने पर रोक लगाई गई है. मामले में श्रमिक संगठनों के कथनानुसार प्रबंधन की साजिश और संसाधनों की कमी के कारण उक्त खदान बंदी के कगार पर पहुंच गई है. कोलियरी पीओ बिजय कुमार ने बताया कि मधुबन वाशरी कोयला डिस्पैच को लेकर वाहन कोलडंप भेजा गया था, परंतु कुछ स्थानीय लोगों द्वारा मैनुअल लोडिंग की मांग करते हुए कोयला डिस्पैच नहीं होने दिया गया.
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