नोटबंदी स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक थी, मनमोहन सिंह ने आखिरी इंटरव्यू में कहा था
मनमोहन सिंह ने आर्थिक नीतियों में अदालतों के हस्तक्षेप पर भी जताया था अफसोस NewDelhi : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता माने जाते हैं. 5 मई 2019 को उन्होंने अपने आखिरी इंटरव्यू में कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था ‘अत्यधिक विनियमित’ है. सरकार नियंत्रण करती है और हस्तक्षेप बहुत है, […]

मनमोहन सिंह ने आर्थिक नीतियों में अदालतों के हस्तक्षेप पर भी जताया था अफसोस
NewDelhi : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता माने जाते हैं. 5 मई 2019 को उन्होंने अपने आखिरी इंटरव्यू में कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था ‘अत्यधिक विनियमित’ है. सरकार नियंत्रण करती है और हस्तक्षेप बहुत है, यहां तक कि नियामक भी ‘नियंत्रक’ बन गये हैं.
मनमोहन सिंह ने तत्कालीन आर्थिक विकास के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि आर्थिक विकास के आंकड़ों के आधार पर देश में मंदी का खतरा बढ़ रहा है. उन्होंने आर्थिक नीतियों में अदालतों के ‘बढ़ते हस्तक्षेप’ पर भी अफसोस जताया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस अर्थव्यवस्था को अलग तरीके से संभालती.
मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार पर भारत की आर्थिक दृष्टि और समझ की कमी का आरोप लगाया था. उन्होंने पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले को एक विघटनकारी निर्णय बताया था. मनमोहन सिंह ने इसे “संगठित लूट और वैध लूट” करार दिया था. उनके अनुसार, नोटबंदी स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक थी.
मनमोहन सिंह ने अपने आखिरी इंटरव्यू में सरकार द्वारा किये गये सतही परिवर्तनों पर जनता की असंतोष का भी जिक्र किया था. साथ ही लोकतंत्र में जांच और जवाबदेही के महत्व को भी रेखांकित किया था. इतना ही नहीं उन्होंने इतना तक कहा दिया था कि अगर जरुरत पड़ी तो अपनी पार्टी के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे.
पूर्व पीएम ने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के मामलों में जवाबदेह नहीं होने का आरोप लगाया था और उसकी पारदर्शिता के प्रति दृष्टिकोण की आलोचना की थी. आर्थिक सुधारों के निर्माता और राजनीतिक सहमति के समर्थक के रूप में सिंह की विरासत महत्वपूर्ण है. भारत के आर्थिक क्षेत्र में उनके योगदान को आज भी सराहा जाता है.
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