पीएम ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नये कैंपस का किया उद्घाटन, 17 देशों के राजदूत भी रहे मौजूद

Patna : तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने राजगीर के अति प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के नये परिसर का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी के अलावा विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा समेत अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे. इसके अलावा इस कार्यक्रम में […] The post पीएम ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नये कैंपस का किया उद्घाटन, 17 देशों के राजदूत भी रहे मौजूद appeared first on Lagatar.

Jun 19, 2024 - 17:30
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पीएम ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नये कैंपस का किया उद्घाटन, 17 देशों के राजदूत भी रहे मौजूद

Patna : तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने राजगीर के अति प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के नये परिसर का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी के अलावा विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा समेत अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे. इसके अलावा इस कार्यक्रम में 17 देशों के राजदूत भी शामिल हुए. उद्धाटन के बाद  नालंदा विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति प्रोफेसर अभय कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी. साथ ही

नालंदा सिर्फ नाम नहीं, एक पहचान, सम्मान, मूल्य, मंत्र, गौरव और गाथा है :  मोदी

उद्घाटन के बाद पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है. यह मेरा सौभाग्य ही तो है, मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं. नालंदा केवल एक नाम नहीं है. नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है. नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है. नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जायें लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं. पीएम ने आगे कहा कि मैं बिहार के लोगों को भी बधाई देता हूं. बिहार अपने गौरव को वापस लाने के लिए जिस तरह विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है, नालंदा का ये परिसर उसी की एक प्रेरणा है. हम सभी जानते हैं कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था… शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है… शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है. प्राचीन नालंदा में बच्चों का प्रवेश उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख कर नहीं होता था. यहां पर हर देश हर वर्ग के युवा हैं. नालंदा विश्वविद्यालय के इस नये परिसर में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से आधुनिक रूप में मजबूती देनी है और मुझे ये देख कर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से आज यहां कई विद्यार्थी आने लगे हैं.

हम सीखते हैं ताकि ज्ञान से मानवता का भला कर सकें

नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में शिक्षा मानवता के लिए हमारे योगदान का एक माध्यम मानी जाती है. हम सीखते हैं ताकि अपने ज्ञान से मानवता का भला कर सकें. 2 दिन के बाद ही 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है. आज भारत में योग की सैंकड़ों विधाएं मौजूद हैं. हमारे ऋषियों ने इसके लिए कितना गहन शोध किया होगा. लेकिन किसी ने योग पर एकाधिकार नहीं बनाया. आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है. योग दिवस एक वैश्विस उत्सव बन गया है.

पीएम ने प्राचीन नालंदा के अवशेषों को करीब से देखा और जानकारी ली 

नालंदा विश्वविद्यालय के नये परिसर के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल प्राचीन नालंदा के खंडहरों का दौरा किया. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना सर्किल की अधीक्षण पुरातत्वविद् गौतमी भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री को प्राचीन खंडहरों के बारे में जानकारी दी. प्राचीन नालंदा के खंडहरों में मठ और शिक्षण संस्थान के पुरातात्विक अवशेष शामिल हैं. इसमें स्तूप, मंदिर, विहार (आवासीय और शैक्षणिक भवन) तथा प्लास्टर, पत्थर और धातु से बनी महत्वपूर्ण कलाकृतियां भी है.

नालंदा का गौरवशाली अतीत से है गहरा नाता : पीएम

पीएम मोदी ने नालंदा दौरे से पहले सुबह ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा था कि यह हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है. आज राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नये परिसर का उद्घाटन किया जायेगा. नालंदा का हमारे गौरवशाली अतीत से गहरा नाता है. यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत मददगार साबित होगा.

भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है नालंदा

नालंदा भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है. नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पांचवीं शताब्दी में हुई थी, जिसने दुनिया भर से छात्रों को आकर्षित किया था. विशेषज्ञों के अनुसार, 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट किये जाने से पहले यह प्राचीन विश्वविद्यालय 800 वर्षों तक फलता-फूलता रहा. विश्वविद्यालय का नया परिसर नालंदा के प्राचीन खंडहरों के स्थल के करीब है. इस परिसर की स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम 2010 के माध्यम से की गयी थी. इस अधिनियम में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 2007 में फिलीपीन में आयोजित दूसरे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लिये गये एक निर्णय को लागू करने का प्रावधान किया गया था. इस विश्वविद्यालय में भारत के अलावा 17 अन्य देशों ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्रुनेई, दारुस्सलाम, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मॉरीशस, म्यांमा, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, वियतनाम और थाईलैंड की भागीदारी है. इन देशों ने विश्वविद्यालय के समर्थन में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं.

अंतरराष्ट्रीय छात्रों को 137 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है विश्वविद्यालय 

नये विश्वविद्यालय ने 2014 में 14 छात्रों के साथ एक अस्थायी स्थान पर काम करना शुरू किया. विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ. विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय छात्रों को 137 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है. शैक्षणिक वर्ष 2022-24 व 2023-25 ​​के लिए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम और 2023-27 के पीएचडी पाठ्यक्रम के लिए नामांकित अंतरराष्ट्रीय छात्रों में अर्जेंटीना, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, घाना, इंडोनेशिया, केन्या, लाओस, लाइबेरिया, म्यांमा, मोजाम्बिक, नेपाल, नाइजीरिया, कांगो गणराज्य, दक्षिण सूडान, श्रीलंका, सर्बिया, सिएरा लियोन, थाईलैंड, तुर्किये, युगांडा, अमेरिका, वियतनाम और जिम्बाब्वे के विद्यार्थी शामिल हैं. विश्वविद्यालय में छह अध्ययन केंद्र हैं, जिनमें बौद्ध अध्ययन, दर्शन और तुलनात्मक धर्म स्कूल, ऐतिहासिक अध्ययन स्कूल, पारिस्थितिकी व पर्यावरण अध्ययन स्कूल और सतत विकास  प्रबंधन स्कूल शामिल हैं.

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