पीएम म्यूजियम ने राहुल गांधी को लिखा पत्र, नेहरू से जुड़े डॉक्यूमेंट्स वापस करने की मांग
NewDelhi : साल 2008 में यूपीए के कार्यकाल में 51 बक्सों में भरकर नेहरू के निजी पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गये थे. या तो सभी पत्र वापस किये जायें या फिर इन्हें स्कैन करने की इजाजत दी जायें क्योंकि ये डॉक्यूमेंट्स पहले ही पीएम म्यूजियम का हिस्सा थे. प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी सोसाइटी […]
NewDelhi : साल 2008 में यूपीए के कार्यकाल में 51 बक्सों में भरकर नेहरू के निजी पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गये थे. या तो सभी पत्र वापस किये जायें या फिर इन्हें स्कैन करने की इजाजत दी जायें क्योंकि ये डॉक्यूमेंट्स पहले ही पीएम म्यूजियम का हिस्सा थे. प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने आज सोमवार को बताया कि उन्होंने राहुल गांधी को पत्र लिख कर यह मांग की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल गांधी को रिजवान की ओर से 10 दिसंबर को पत्र भेजा गया था.
VIDEO | BJP national spokesperson Sambit Patra
(@sambitswaraj) addresses a press conference in Delhi, over the issue of the Prime Ministers’ Museum and Library (PMML) requesting Congress leader Sonia Gandhi to return collection of letters written by Jawaharlal Nehru, which were… pic.twitter.com/F6rHGylFR0— Press Trust of India (@PTI_News) December 16, 2024
सितंबर 2024 में भी म सोनिया गांधी को नेहरू से जुड़े डॉक्यूमेंट्स लौटाने के लिए पत्र लिखा था
रिजवान कादरी ने कहा कि सितंबर 2024 में भी मैंने सोनिया गांधी को नेहरू से जुड़े डॉक्यूमेंट्स लौटाने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिलने पर मैंने अब राहुल को पत्र लिखा है. जान लें कि रिजवान जिन 51 बक्सों की बात कर रहे हैं, उनमें नेहरू के वे पत्र रखे हुए हैं, जो उन्होंने एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टाइन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजयलक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत को लिखे थे.
पत्रों की फोरेंसिक ऑडिट भी करायी जानी चाहिए
1971 में पीएम म्यूजियम के हवाले नेहरू के पत्र किये गये थे. रिजवान कादरी के अनुसार सितंबर में परिवार की प्रतिनिधि के तौर पर 2008 में सोनिया ने पत्र वापस मंगवाये गये थे. पत्र वापस क्यों लिये गये. म्यूजियम को यह बात नहीं बतायी गयी थी रिजवान कादरी ने कहा, हम चाहते हैं कि ये पत्र सुरक्षित रहें. कहा कि इसकी एक फोरेंसिक ऑडिट भी करायी जानी चाहिए. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डॉक्यूमेंट्स के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गयी है.
पत्रों में में ऐसा क्या था, जो गांधी परिवार नहीं चाहता कि वे बातें देश के सामने आयें
इस मामले में भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा है कि उन पत्रों में में ऐसा क्या लिखा गया था, जो गांधी परिवार नहीं चाहता कि वे बातें देश के सामने आयें. कहा कि पीएम म्यूजियम में शुरू में सिर्फ नेहरू के ऐतिहासिक डॉक्यूमेंट्स ही मौजूद थे, जिनमें नेहरू के वर्ल्ड लीडर्स को लिखे पत्र शामिल थे. बाद में जानकारी सामने आयी कि 51 बक्से ऐसे भी थे, जिनमें नेहरू के एडविना माउंटबेटन, जेपी नारायण और कई अन्य नेताओं को लिखे गए पत्र थे. अब सवाल यह है कि क्या विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल सोनिया गांधी से कहेंगे कि वे इन पत्रों को देश को वापस लौटा दें.
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