पूर्व विदेश मंत्री SM कृष्णा का निधन, राष्ट्रपति, पीएम समेत कई दिग्गज नेताओं ने जताया शोक

LagatarDesk :  कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा का निधन हो गया. उन्होंने  आज अहले सुबह करीब दो बजकर 45 मिनट में बेंगलुरु स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली. एसएम कृष्णा के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर रखा गया […]

Dec 10, 2024 - 17:30
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पूर्व विदेश मंत्री SM कृष्णा का निधन, राष्ट्रपति, पीएम समेत कई दिग्गज नेताओं ने जताया शोक

LagatarDesk :  कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा का निधन हो गया. उन्होंने  आज अहले सुबह करीब दो बजकर 45 मिनट में बेंगलुरु स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली. एसएम कृष्णा के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर रखा गया है. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को मद्दुर ले जाया जायेगा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी सहित कई दिग्गज नेताओं ने एसएम कृष्णा के निधन पर शोक जताया है. द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर लिखा कि श्री एस.एम. कृष्णा के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ, जिन्होंने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन के दौरान विभिन्न पदों पर लोगों की सेवा की, राज्य विधानसभा और संसद के सदस्य से लेकर केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल तक. कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने राज्य के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता के लिए लोगों का स्नेह अर्जित किया. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं.

पीएम ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर कहा कि श्री एसएम कृष्णा जी एक असाधारण नेता थे, जिनकी प्रशंसा हर वर्ग के लोग करते थे. उन्होंने हमेशा दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किया. उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के लिए याद किया जाता है, खासकर बुनियादी ढांचे के विकास पर उनके ध्यान के लिए. श्री एसएम कृष्णा जी एक विपुल पाठक और विचारक भी थे. मुझे पिछले कई वर्षों में श्री एसएम कृष्णा जी के साथ बातचीत करने के कई अवसर मिले हैं, और मैं उन मुलाकातों को हमेशा संजो कर रखूंगा. उनके निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं.ओम शांति.

कर्नाटक के एलओपी और भाजपा नेता आर. अशोक ने कहा कि मुझे आज सुबह ही एसएम कृष्णा के निधन की जानकारी मिली. यह बहुत दुखद समाचार है. कहा कि एसएम कृष्णा से मेरा बहुत लगाव था. एसएम कृष्णा और अटल बिहारी (वाजपेयी) की वजह से बेंगलुरु आईटी-बीटी हब बन गया. कर्नाटक के लोग उन्हें कभी नहीं भूलेंगे.

एसएम कृष्णा का राज्य के अलावा भारतीय राजनीतिक व्यवस्था और दुनिया में भी किया जाता सम्मान  

पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले ने कहा कि यह हमारे परिवार और कर्नाटक राज्य के लिए बहुत बड़ी क्षति है. राज्य के लिए एसएम कृष्णा का योगदान मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल से कहीं आगे तक जाता है. हम सभी उनके योगदान को याद करते हैं और वह ऐसे व्यक्ति हैं जिनका न केवल राज्य में बल्कि भारतीय राजनीतिक व्यवस्था और दुनिया में भी सम्मान किया जाता है. बेंगलुरु को ‘सिलिकॉन वैली’ बनाना और मानचित्र पर लाना उनका योगदान है, जिसे हमेशा याद रखा जायेगा.

पूर्व प्रधानमंत्री और जेडी(एस) नेता एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि एसएम कृष्णा के निधन से बहुत दुखी हूं. वह मेरे मित्र और कर्नाटक में लंबे समय से मेरे सहयोगी थे. हमने राजनीति में लगभग एक ही समय में शुरुआत की थी और विकास और शासन के लिए अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाये थे.

कर्नाटक के गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि  एसएम कृष्णा खुद एक महान व्यक्तित्व हैं. आज के राजनीतिक परिदृश्य में उनका व्यक्तित्व अतुलनीय है. उन्होंने आम तौर पर राजनेताओं और खासकर युवाओं के मन में एक गहरी छाप छोड़ी है, जिस तरह से वे खुद को एक बेहतरीन राजनेता के रूप में पेश करते थे, किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले सबकी बात सुनते थे, चाहे वह वीरप्पन द्वारा राज कुमार का अपहरण हो, या कावेरी मुद्दा हो, चाहे सूखा हो, उनके समय में कोई भी चुनौती आई हो, उन्होंने बहुत धैर्य से सबकी बात सुनी, उनकी राय ली और उन समस्याओं का समाधान किया. हम उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद करते हैं, जिन्होंने राज्य में आईटी क्रांति लाई. वास्तव में, वे ही हैं जिन्होंने बेंगलुरु, कर्नाटक को दुनिया भर में, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया और आज, हम जो आईटी में क्रांति देख रहे हैं, कर्नाटक में, बेंगलुरु में….इसका पूरा श्रेय उन्हें जाता है. मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे बहुत करीब था.

एसएम कृष्णा ने 1960 में की थी अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत

बता दें कि एस एम कृष्णा का जन्म 1932 में हुआ था. उनका पूरा नाम सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा है. एस एम कृष्णा के पिता का नाम एस सी मल्लैया है. कृष्णा ने अपनी स्नातक की पढ़ाई मैसूर के महाराजा कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. फिर बैंगलोर के सरकारी कॉलेज से कानून की डिग्री ली. उच्च शिक्षा के लिए वे अमेरिका गए. वहां से स्नातक करने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून में शिक्षण शुरू की. अमेरिका में उनकी सक्रिय राजनीति में रूचि जगी. वहां उन्होंने जॉन एफ कैनेडी के राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार किया. अमेरिका से लौटने के तुरंत बाद 1962 में उन्होंने मद्दुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर चुनाव जीता. इसके बाद वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गये और 1968 में मांड्या लोकसभा सीट का उपचुनाव जीता. फिर एसएम कृष्णा कांग्रेस में शामिल हो गये और 1971 में मांड्या लोकसभा सीट से फिर से चुनाव जीता. 1983-84 के बीच इंदिरा गांधी और 1984-85 के बीच राजीव गांधी के काल में वे उद्योग और वित्त राज्य मंत्री बने. 1985 में एसएम कृष्णा फिर से राज्य की राजनीति में लौटे और विधानसभा चुनाव लड़ा. वे साल 1999 से 2004 कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे और वर्ष 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे. पीएम मनमोहन सिंह की सरकार में एसएम कृष्णा ने विदेश मंत्री का पद भी संभाला.  मार्च 2017 में एसएम कृष्णा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. जनवरी 2023 में एसएम कृष्णा ने राजनीति से संन्यास ले लिया. 2023 में सरकार ने एसएम कृष्णा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया.

 

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