प्रशिक्षण का उद्देश्य बौद्धिक अक्षमता वाले लोगों को सहायता करनाः आनंद

Ranchi: झालसा के निर्देश पर नालसा के द्वारा नवसंचालित-मानसिक बीमारी और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं योजना के तहत डालसा, रांची में नवगठित कानूनी सेवा युनिट का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार को संपन्न हो गया. इसमें डालसा सचिव सहित सेवानिवृत्त प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं पैनल के अधिवक्ता, एलएडीसीएस के […]

Dec 11, 2024 - 05:30
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प्रशिक्षण का उद्देश्य बौद्धिक अक्षमता वाले लोगों को सहायता करनाः आनंद

Ranchi: झालसा के निर्देश पर नालसा के द्वारा नवसंचालित-मानसिक बीमारी और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं योजना के तहत डालसा, रांची में नवगठित कानूनी सेवा युनिट का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार को संपन्न हो गया. इसमें डालसा सचिव सहित सेवानिवृत्त प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं पैनल के अधिवक्ता, एलएडीसीएस के सदस्य एवं पारा लिगल वॉलिन्टियर शामिल हुए. दो दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन भी ट्रेनिंग हॉल व्यवहार न्यायालय, रांची में नवगठित कानूनी सेवा युनिट के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया.

पांचवें सत्र में झालसा के उपसचिव, मनिष मिश्रा ने कानूनी सेवा युनिट के सभी सदस्यों को इस बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने महिला संरक्षण गृह, कारागृह, बाल देखभाल संस्थानों और अन्य संस्थानों में दी जाने वाली कानूनी सेवाओं के बारे में बताया. इसके अलावा उन्होंने जेल में मिलने वाली कानूनी सेवाएं, तालुकाओं में मिलने वाली कानूनी सेवाएं की जानकारी दी. उन्होंने गृह भ्रमण के माध्यम से दी जानेवाली कानूनी सेवाओं की जानकारी दी. उपस्थित सदस्यों को उन्होंने सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने में कानूनी सहायता के बारे में बताया. छठे सत्र में एलएडीसीएस चीफ, प्रवीण कुमार श्रीवास्तवा ने नालसा के कार्यान्वयन के लिए कानूनी सेवा प्रदाताओं की भूमिकाएं और जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से बताया.

मानसिक बीमारी के प्रकारों के बारे में बताया

सातवें सत्र में दिपशिखा इंस्टीच्यूट ऑफ चाईल्ड डेवलपमेंट एंड मेंटल हेल्थ से आये प्रतिनिधियों ने मानसिक बीमारी एवं बौधिक अक्षमता के प्रकारों के बारे में विस्तार से बताया. उनकी टीम ने बौद्धिक असक्षम व्यक्तियों के रोजगार, विशेष रूप से उनके व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्वरोजगार को सुविधाजनक बनाने और समर्थन देने के लिए, उनके लिए रियायती दरों पर ऋण के प्रावधान सहित योजनाएं और कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. बताया कि ऐसे व्यक्तियों को सभी मुख्यधारा की औपचारिक और अनौपचारिक व्यावसायिक और कौशल प्रशिक्षण योजनाओं और कार्यक्रमों में शामिल करना है, जिसमें समर्थन और सुविधाओं का पर्याप्त प्रावधान हो. कहा कि इस संबंध में सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए.

सहयोग पहुंचाने पर दिया जोर

मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को विकासात्मक, बौद्धिक, बहु अक्षमता और ऑटिज्म से पीड़ित लोगों के लिए विशेष कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाने के बारे में विस्तार से बताया गया. पैनल अधिवक्ता मध्यस्थ संजय कुमार शर्मा ने अन्य संस्थाओं, एनजीओ व एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर आउटरीच जागरूकता कार्यक्रम कर मानसिक बीमारी और बौद्धिक अक्षमतावाले लोगों को सहयोग पहुंचाने पर जोर दिया. मौके पर झालसा के उपसचिव मनिष मिश्रा, एलएडीसीएस चीफ, प्रवीण कुमार श्रीवास्तवा, डालसा सचिव, कमलेश बेहरा, दिपशिखा इंस्टीच्यूट ऑफ चाईल्ड डेवलपमेंट एंड मेंटल हेल्थ के प्रधानाध्यापिका, गोपिका आनंद, सदस्य, दशरथ कच्छप समेत अन्य मौजूद थे.

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