बांग्लादेश: भीड़ ने तीन मंदिरों पर हमला किया, आरएसएस ने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की निंदा की
Dhaka/Nagpur : बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाये जाने की खबर है. चटगांव में चल रहे विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बीच नारे लगाती भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की है. यह हमला शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे हरीश चंद्र मुनसेफ लेन इलाके में हुआ. संतनेश्वर मातृ मंदिर, शोनी मंदिर और शांतनेश्वरी […]
Dhaka/Nagpur : बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाये जाने की खबर है. चटगांव में चल रहे विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बीच नारे लगाती भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की है. यह हमला शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे हरीश चंद्र मुनसेफ लेन इलाके में हुआ. संतनेश्वर मातृ मंदिर, शोनी मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया गया. बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने शनिवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़े शब्दों में निंदा की है.
Dattatreya Hosabale, General Secretary of the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS), says, “The attacks, murders, looting, arson, as well as inhuman atrocities by Islamic fundamentalists on Hindus, women and all other minorities in Bangladesh, are extremely worrying and the Rashtriya… pic.twitter.com/WwOQ52MSiw
— ANI (@ANI) November 30, 2024
शोनी मंदिर और अन्य दो मंदिरों के द्वारों को नुकसान पहुंचाया गया
बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार पर अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा कर पाने में नाकाम रहने के आरोप लगते रहे हैं. बीडीन्यूज24.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार की सैकड़ों लोगों का एक समूह मंदिरों पर टूट पड़ा, ईंट-पत्थर फेंकने लगा, शोनी मंदिर और अन्य दो मंदिरों के द्वारों को नुकसान पहुंचाया गया. मंदिर के अधिकारियों ने नुकसान की पुष्टि की इसमें टूटे हुए द्वार और अन्य नुकसान शामिल है.
हमलावर हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारेबाजी कर रहे थे
कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रमुख अब्दुल करीम ने हमले की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि हमलावरों ने जानबूझकर मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. संतानेश्वर मातृ मंदिर प्रबंधन समिति के स्थायी सदस्य तपन दास ने कहा कि हमलावर हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारेबाजी कर रहे थे. चटगांव में एक पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से हिंसा भड़क रही है. उन्हें बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया.
तपन दास ने बताया कि हमले के दौरान मंदिर के अधिकारियों ने हमलावरों से कोई बातचीत नहीं की, बल्कि स्थिति बिगड़ता देख सेना को बुलाया. सेना ने तुरंत एक्शन लिया और व्यवस्था बहाल करने में मदद की इस घटना ने बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं.
आरएसएस ने चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की मांग की
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) ने शनिवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़े शब्दों में निंदा की है. आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बयान जारी कर बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हमले, हत्या, लूट, आगजनी व महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार को चिंताजनक करार दिया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इसकी भर्त्सना की है शाथ ही आरएसएस ने चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की मांग की है. भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं तथा अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के प्रयासों को हरसंभव जारी रखे. उन्होंने कहा, वर्तमान की बांग्लादेश सरकार और अन्य एजेंसियां इसे रोकने की जगह केवल मूकदर्शक बनी हुई हैं.
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