मोदी कैबिनेट ने 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाया, धान का एमएसपी 117 रुपये बढ़ा
New Delhi : मोदी सरकार ने बुधवार को खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5.35 प्रतिशत बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी सरकार के पास अधिशेष चावल भंडार होने के बावजूद हुई है. हालांकि हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में […] The post मोदी कैबिनेट ने 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाया, धान का एमएसपी 117 रुपये बढ़ा appeared first on Lagatar.
New Delhi : मोदी सरकार ने बुधवार को खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5.35 प्रतिशत बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी सरकार के पास अधिशेष चावल भंडार होने के बावजूद हुई है. हालांकि हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में चुनावों से पहले यह महत्वपूर्ण पहल है. एमएसपी वृद्धि की घोषणा करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 14 खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्यों को मंजूरी दी है.
VIDEO | “Some very important decisions have been taken in today’s Cabinet. One very important decision has been taken for the welfare of farmers. Kharif season is starting, and for that, the Cabinet has approved MSP on 14 crops. The new MSP for paddy is Rs 2,300, which is Rs 117… pic.twitter.com/Uf4fbHX9v6
— Press Trust of India (@PTI_News) June 19, 2024
एमएसपी उत्पादन की लागत से कम से कम 1.5 गुना होना चाहिए
वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि आगामी खरीफ मौसम के लिए ‘सामान्य’ ग्रेड के धान का एमएसपी 117 रुपये बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ए ग्रेड किस्म के लिए इसे बढ़ाकर 2,320 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. मंत्री ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2018 के केंद्रीय बजट में एक स्पष्ट नीतिगत निर्णय लिया था कि एमएसपी उत्पादन की लागत से कम से कम 1.5 गुना होना चाहिए और नवीनतम एमएसपी वृद्धि में इस सिद्धांत का पालन किया गया है.
लागत की गणना सीएसीपी ने वैज्ञानिक तरीके से की है
उन्होंने कहा कि लागत की गणना सीएसीपी ने वैज्ञानिक तरीके से की है. भारतीय खाद्य निगम के पास वर्तमान में लगभग 5.34 करोड़ टन चावल का रिकॉर्ड भंडार है, जो एक जुलाई तक के लिए आवश्यक बफर से चार गुना अधिक है. यह बिना किसी नयी खरीद के एक साल के लिए कल्याणकारी योजनाओं के तहत मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. मौसम विभाग के अनुसार, एक जून को मानसून की शुरुआत के बाद से देश भर में लगभग 20 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. इसके बावजूद अब मौसम की स्थिति बारिश को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल है.
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