राज्यसभा में बोले अमित शाह, इंदिरा गांधी ने सावरकर के निधन पर कहा था, सावरकर जी महान देशभक्त थे…

 एक नेता आये हैं, 54 साल में खुद को युवा कहते हैं. वो चिल्लाते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे.  NewDelhi : अमित शाह ने कहा  सावरकर के नाम के आगे जो वीर लगा है, वह सरकार ने नहीं जनता ने लगाया है. रिकॉर्ड पर कहना चाहता हूं कि 1857 से 1947 तक के स्वतंत्रता संग्राम […]

Dec 18, 2024 - 05:30
 0  1
राज्यसभा में  बोले अमित शाह, इंदिरा गांधी ने सावरकर के निधन पर कहा था,  सावरकर जी महान देशभक्त थे…

 एक नेता आये हैं, 54 साल में खुद को युवा कहते हैं. वो चिल्लाते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे. 

NewDelhi : अमित शाह ने कहा  सावरकर के नाम के आगे जो वीर लगा है, वह सरकार ने नहीं जनता ने लगाया है. रिकॉर्ड पर कहना चाहता हूं कि 1857 से 1947 तक के स्वतंत्रता संग्राम में किसी एक व्यक्ति को जीवन में दो आजीवन कारावास किसी को हुआ है तो वह वीर सावरकर थे. टॉयलेट से दरिया में छलांग लगाने का साहस किसी में था तो वह वीर सावरकर थे, एक ही जेल में दो भाई कालापानी की सजा काट रहे थे और 10 साल तक देखा नहीं, वह वीर सावरकर थे.

क्या देशभक्ति किसी विचारधारा के साथ जुड़ी हो सकती है

क्या देशभक्ति किसी विचारधारा के साथ जुड़ी हो सकती है, देश के लिए बलिदान विचारधारा के स्तर पर हो सकता है. किस स्तर पर हम सार्वजनिक जीवन को ले गए हैं.  इंदिरा गांधी ने सावरकर के निधन पर कहा- सावरकर जी महान देशभक्त थे. उनका नाम देशभक्ति का पर्याय हैं. उन्होंने इंदिरा गांधी के एक पत्र को भी कोट किया और हमारा न सुनो, इंदिरा जी का भी नहीं सुनते हो.

ग्रेस ने क्या किया, तीन लोगों पर तरजीह देकर चौथे को मुख्य न्यायाधीश बनाने का काम किया जिसकी वजह से तीनों इस्तीफा देकर घर चले गये. ये बार-बार दोहराना चाहिए, हर बच्चे को रटाना चाहिए कि तानाशाहों को क्या करना चाहिए जिससे कोई हिम्मत न कर सके इमरजेंसी लाने की. एडीएम जबलपुर जस्टिस खन्ना कभी चीफ जस्टिस नहीं बन पाये और रिटायर हो जाना पड़ा. उच्च न्यायालय के 18 न्यायाधीशों का ट्रांसफर कर दिया

370 हटाने से तुष्टिकरण की दुकान बंद हो  गयी

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस इतने वर्षों तक 370 को गोद में खिलाने का काम करती आयी. लोग कहते थे कि खून की नदियां बहने लगेंगी. नरेंद्र मोदी जी दूसरी बार सत्ता में आये और एक ही झटके में इसे हटाने का काम किया. खून की नदियां छोड़ो, एक कंकड़ भी चलाने की किसी में हिम्मत नहीं.  आमित शाह ने मुस्लिम पर्सनल लॉ का जिक्र करते हुए कांग्रेस को घेरा और कहा कि कांग्रेस यह स्पष्ट करे कि एक कानून होना चाहिए या नहीं.

इन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ के साथ हिंदू कोड बिल भी ला दिया. हम तो चाहते हैं कि कानून नए हों. हिंदू कोड बिल में कोई पुराना नियम नहीं है. सामान्य कानून को ही इन्होंने हिंदू कोड बिल का नाम दे दिया. चलो मान लिया कि पर्सनल लॉ होना चाहिए. तो पूरा शरिया लागू करिए. विवाह और तलाक के लिए पर्सनल लॉ, ये तुष्टिकरण की शुरुआत यहीं से हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूसीसी लाने की बात कही है.

 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow