सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज के बयान पर संज्ञान लिया… सिब्बल ने कहा, महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस पेश करेंगे
जस्टिस शेखर कुमार यादव ने प्रयागराज में विहिप के कार्यक्रम में कहा था कि मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि यह देश हिंदुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यक लोगों की इच्छा के अनुसार चलेगा. NewDelhi : विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव के विवादित बयान […]
जस्टिस शेखर कुमार यादव ने प्रयागराज में विहिप के कार्यक्रम में कहा था कि मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि यह देश हिंदुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यक लोगों की इच्छा के अनुसार चलेगा.
NewDelhi : विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव के विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लिये जाने की सूचना है. बता दें कि कैंपेन फॉर ज्यूडीशियल अकाउंटैबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (CJAR) ने सीजेआई संजीव खन्ना को पत्र लिखकर शिकायत की थी. पत्र में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव के बयान की इन-हाउस जांच की मांग की गयी है.
Supreme Court has taken note of the newspaper reports of a speech given by Justice Shekhar Kumar Yadav, a sitting judge of the High Court of Judicature at Allahabad.
The details and particulars have been called from the High Court and the matter is under consideration, said a… pic.twitter.com/GQ0mniOR6H
— ANI (@ANI) December 10, 2024
जांच होने तक जस्टिस को सभी न्यायिक कार्यों से दूर रखने की मांग की गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस शेखर कुमार यादव की स्पीच को लेकर अखबारों में छपी रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट से इसका ब्योरा मांगा है. SC ने कहा, मामला विचाराधीन है. हाईकोर्ट से विस्तृत जानकारी मांगी गयी है.
पिछले 10 वर्षों में ऐसी चीजें क्यों हो रही हैं
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विहिप के एक कार्यक्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शेखर यादव ने घृणास्पद भाषण देकर अपने पद की शपथ का उल्लंघन किया है. कहा कि वह अन्य विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस पेश करेंगे. सिब्बल ने कहा, कोई भी न्यायाधीश जो इस तरह का बयान देता है, वह अपने पद की शपथ का उल्लंघन कर रहा है. यदि वह पद की शपथ का उल्लंघन कर रहा है, तो उसे उस कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं. यदि उच्च न्यायालय का कोई न्यायाधीश इस तरह का भाषण दे सकता है, तो सवाल उठता है कि ऐसे लोगों की नियुक्ति कैसे होती है. उनका इशारा कॉलेजियम सिस्टम की ओर था.कहा कि सवाल यह भी उठता है कि पिछले 10 वर्षों में ऐसी चीजें क्यों हो रही हैं.
जस्टिस यादव ने विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में कहा था
जस्टिस शेखर कुमार यादव ने प्रयागराज में विहिप के कार्यक्रम में कहा था कि मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि यह देश हिंदुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यक लोगों की इच्छा के अनुसार चलेगा. यह कानून है, कानून, यकीनन बहुसंख्यकों के मुताबिक काम करता है. इसे परिवार या समाज के संदर्भ में देखें, केवल वही स्वीकार किया जाएगा, जो बहुसंख्यकों के कल्याण और खुशी के लिए फायदेमंद हो. बता दें कि जस्टिस शेखर कुमार यादव ने प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता (UCC) पर बोलते हुए यह बयान दिया था. कार्यक्रम में हाईकोर्ट के एक अन्य न्यायाधीश जस्टिस दिनेश पाठक भी मौजूद थे.
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