हजारीबाग भी बन रहा है साइबर अपराधियों का अड्डा

Hazaribagh: जामताड़ा के बाद अब हजारीबाग भी साइबर अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा है. इस शहर में भी जामताड़ा के जैसा साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेंटर चलाया जा रहा है, जिसमें ओडिशा, बंगाल, बिहार, केरल के अलावे कई राज्यों से हजारों की संख्या में युवा हजारीबाग शहर के कोरा, बाना दाग, रसूली गंज, सिरसी, नरसिंह अस्थान […]

Jun 15, 2024 - 05:30
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हजारीबाग भी बन रहा है साइबर अपराधियों का अड्डा
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Hazaribaghजामताड़ा के बाद अब हजारीबाग भी साइबर अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा है. इस शहर में भी जामताड़ा के जैसा साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेंटर चलाया जा रहा है, जिसमें ओडिशा, बंगाल, बिहार, केरल के अलावे कई राज्यों से हजारों की संख्या में युवा हजारीबाग शहर के कोरा, बाना दाग, रसूली गंज, सिरसी, नरसिंह अस्थान रोड, पंडित जी रोड के अलावे कई क्षेत्रों में किराए के मकान में रहकर प्रशिक्षण ले रहे हैं. इसकी किसी को भनक न लगे इसके लिए युवाओं को साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेंटर में मार्केटिंग की बात कह कर रखा जाता है. इससे लगभग 18 से 25 वर्ष के युवा जुड़े हुए हैं. सभी शहर के नजदीक गांव के घरों को मोटी रकम देकर किराये पर ले रखा है. प्रशिक्षण के बाद वे शहर के चौक चौराहों पर अपने संस्थान का नाम रखकर कार्यालय खोलते हैं, जिसमें सरकारी नौकरी, होमगार्ड, स्कूल, कॉलेज, बैंक में काम दिलवाने की बात कहते हैं और मोटी रकम ठगते हैं.

ट्रेनिंग सेंटर में साइबर क्राइम करने का तरीका सिखाया जाता है

दरअसल, हजारीबाग जिला इन दिनों साइबर अपराधियों के चंगुल में है. यहां जामताड़ा के जैसा साइबर अपराधी प्रशिक्षण लेते हैं, जिसमें बरकट्ठा भी सुर्खियों में रहा है, लेकिन अब हजारीबाग शहर के आसपास गांवों में उनके कई ट्रेनिंग सेंटर मिल जाएंगे. इस ट्रेनिंग सेंटर में इन्हें मार्केटिंग की बात कह कर रखा जाता है और साइबर क्राइम करने का तरीका सिखाया जाता है. इसमें जब प्रशिक्षण पूरा हो जाता है तो इन्हें चौक चौराहों पर ऑफिस और कोचिंग सेंटर बनाकर सौंप दिया जाता है. इसके माध्यम से पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अपने जाल में फंसाया जाता है और उनके घर तक जाकर मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड उपलब्ध करवाते हैं और नौकरी देने का झांसा देते हैं. इसके बाद विद्यार्थियों को विश्वास में लेकर उन्हें अपने सेंटर पर बुलाते हैं, प्रतियोगिता की तैयारी करवाने की बात करते हैं और फिर धीरे-धीरे इनके माध्यम से अन्य विद्यार्थियों को जोड़ा जाता है.

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साइबर अपराधी विदेश में नौकरी दिलाने की बात करते हैं

बाद में उसे नौकरी दिलाने का दावा करते हैं, जिसमें सरकारी नौकरी के अलावे प्राइवेट बैंक, होमगार्ड, स्कूल शिक्षक, सोलर पैनल, जानवर के इंश्योरेंस के अलावा कई तरह की नौकरियां शामिल होती है. इसके लिए 20000 से लेकर 200000 रुपये तक रिश्वत की मांग करते हैं. यहां तक कि साइबर अपराधी विदेश में नौकरी दिलाने की बात करते हैं और वीजा, पासपोर्ट भी वह खुद से बनवाकर देने की बात कहते हैं. इसके लिए मोटी रकम की मांग करते हैं. विद्यार्थी इनकी बातों पर विश्वास नहीं करते हैं तो वे उन्हें अपने फर्जी चेक भी दे देते हैं और कहा जाता है कि हम आपका पैसा लेकर भागेंगे तो यह चेक आप रख लीजिए, जो बाद में बाउंस कर जाता है. इस तरह इनके झांसे में अब तक सैकड़ों विद्यार्थी आ चुके हैं. हालांकि पुलिस ने अब तक नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले कई साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

केस संख्या-1

हजारीबाग बड़ा बाजार थाना क्षेत्र के हुरहुरू स्थित जेके एंटरप्राइजेज पर शुक्रवार को दर्जनों महिलाओं ने आरोप लगाते हुए थाने में आवेदन दिया है. जिसमें महिलाओं का कहना है कि जीके इंटरप्राइजेज लगभग 100 महिलाओं से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है और करीब पांच करोड़ रुपये की ठगी कर फरार हो गया है.

केस संख्या-2

कुछ महीने पहले रवि कुमार राम डब्लूडब्लूपी कोचिंग संस्थान चलाते थे. इसमें कोचिंग निशुल्क मिलती थी. धीरे-धीरे विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती गई. इसके बाद संचालक ने सभी छात्रों को विश्वास में लेकर उन्हें बैंक में, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग में भर्ती करवाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर कोचिंग संस्थान को बंद कर दिया. जब कुछ लोगों ने इनको पकड़ा तो उसे फर्जी चेक देकर फरार हो गया. अदालत में इस कथित कोचिंग संस्थान का चेक बाउंस का मामला अब तक चल रहा है.

केस संख्या-3

हजारीबाग जिले के कटकमसांडी प्रखंड के पबरा में आनंद मेहता की पत्नी को होमगार्ड के कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए नौकरी दिलाने के नाम पर ढाई लाख रुपये मांगे जा रहे थे. महिला पैसे के इंतजाम में जुटी थी. इसी बीच उसके पति आनंद मेहता होमगार्ड कार्यालय में जानकारी लेने पहुंचे, जहां एक सज्जन सिपाही से उनकी बात हुई और उन्हें आश्वासन दिया गया कि हमारे यहां कोई बहाली नहीं है, जो भी बहाली होती है वह सरकार द्वारा निकलती है. इसके उसने पैसा देने से इनकार कर दिया और ठगी का शिकार होने से बोलबाल बच गया.

केस संख्या-4

हजारीबाग शहर के सिंदूर और पबरा पंचायत के दर्जनों महिलाएं चार दिन पहले ठगी का शिकार होते-होते बच गईं. महिला सरोज देवी ने बताया कि गांव की ही एक महिला लगभग 100 महिलाओं से खाता खुलवा रही थी, जिसमें कहा गया था कि खाता खोलने के बाद एटीएम कार्ड, आधार कार्ड और सिम कार्ड देना होगा. इसके बाद नगर निगम के माध्यम से केंद्र सरकार प्रत्येक महीना 2000 रुपये खाते में देगी. इस पर दर्जनों महिलाएं खाता खुलवाने आनंद चौक पहुंचीं और बैंक मैनेजर को सारी बातें बताईं. बैंक मैनेजर ने ऐसी कोई भी स्कीम नहीं होने की बात कही. इसके बाद महिलाओं ने खाता खुलवाने से इनकार कर दिया. वहीं साइबर क्राइम करने की योजना बना रही महिला फरार हो गई.

कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका हैः एसपी

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह ने पूछे जाने पर कहा कि हजारीबाग में इस तरह की शिकायतें मिली हैं. कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. अगर और भी कोई ठगी का शिकार हुआ है तो वह आवेदन दे पुलिस कार्रवाई करेगी.

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