हजारीबाग: सती चीरा से जोरदाग तक 2.2 किमी ट्रांसपोर्टिंग रोड का कालीकरण शुरू
Hazaribagh: 13माह बाद सती चीरा-मुंडा टोली 2.2 किलोमीटर ट्रांसपोर्टिंग सड़क पर डीसी नैंसी सहाय के पहल व सख्ती के कारण शनिवार देर शाम से सड़क कालीकरन का कार्य शुरू कर दिया गया है. कार्य के दौरान केरेडारी सीओ रामरतन कुमार वर्णवाल (मजिस्ट्रेट), चट्टीबरियातू परियोजना के महाप्रबंधक नवीन गुप्ता के डीजी एम शिव प्रसाद, एजीएम नील […]
Hazaribagh: 13माह बाद सती चीरा-मुंडा टोली 2.2 किलोमीटर ट्रांसपोर्टिंग सड़क पर डीसी नैंसी सहाय के पहल व सख्ती के कारण शनिवार देर शाम से सड़क कालीकरन का कार्य शुरू कर दिया गया है. कार्य के दौरान केरेडारी सीओ रामरतन कुमार वर्णवाल (मजिस्ट्रेट), चट्टीबरियातू परियोजना के महाप्रबंधक नवीन गुप्ता के डीजी एम शिव प्रसाद, एजीएम नील माधव स्वाइन, वासिफ, पवन रावत, विवेक कुमार, संतोष कुमार (सभी एनटीपीसी अधिकारी), राजस्व कर्मचारी सह अंचल निरीक्षक मो शमीम व पगार सहायक थाना की पुलिस बल समेत जिला बल से बड़ी संख्या में जवान तैनात थे. ज्ञात हो कि एनटीपीसी वर्तमान में अपने चट्टीबरियातु व केरेडारी कोयला खनन परियोजना से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग जोरदाग के पब्लिक सड़क से लबनियाँ मोड़ तक कर रही थी. जिसमे ग्रामीण बार- बार आंदोलन कर रहे थे. तब एक वर्ष पहले कम्पनी ने मुंडा टोली से सती चीरा पीडब्लू पथ तक बाईपास ट्रांसपोर्टिंग सड़क के लिये सर्वे कराई.
इस मार्ग में जिनकी जमीने जा रही है उस रैयत से एग्रीमेंट के आधार पर जमीन ली गयी. फिर कच्ची सड़क बनाई गई अब उस मार्ग से ट्रांसपोर्टिंग शुरू करने के पहले कम्पनी सड़क को कालीकरण करना चाह रही थी. गत पांच दिसंबर को सड़क कालीकरण के लिये मशीन लगाया गया. इसी बीच पूर्व मंत्री योगेंद्र साव आकर निर्माण कार्य को रोक दिया. इनका कहना था हम भी इस सड़क में गई कुछ जमीन एग्रीमेंट रैयत से कराया है. मुआवजा हमको चाहिये. जबकि कम्पनी उस जमीन के कब्जेधारी छबिया देवी के साथ एग्रीमेंट कर मुआवजा भी दे दिया है. विवाद के कारण पांच दिसंबर को कार्य बंद कर देना पड़ा. अब इसकी सूचना जिला के उपायुक्त नैंसी सहाय को दी गयी. डीसी ने इस मामले को गम्भीरता से लिया और डीसी के निर्देश पर शनिवार को भारी सुरक्षा ब्यवस्था के बीच उक्त सड़क का कालीकरण कार्य देर शाम शुरू कर दी गयी है.
समाचार लिखे जाने तक कोई विवाद करने यहां नही पहुंचा था. इस मामले में सीओ रामरतन कुमार वर्णवाल ने कहा कि यह जमीन गैरमजरूआ खास अथवा आम है. इसका एग्रीमेंट कराने का अधिकार किसी थर्ड पार्टी को नहीं है. पूर्व मंत्री योगेंद्र साव का दावा गलत है. जब एक वर्ष पूर्व से इस ट्रांसपोर्टिंग मार्ग के लिये प्रस्ताव तैयार हो गया था तब जानबूझ कर पूर्व मंत्री को क्या जरूरत थी एग्रीमेंट कराने की. स्पष्ट है वे जानबूझ कर विवाद खड़ा करना चाहते थे. इसलिये उन्होंने एग्रीमेंट कराया है, जो अमान्य है. सीओ ने कहा जिनके दखल कब्जा में यह जमीन थी कम्पनी ने उन्हें एग्रीमेंट के आधार पर मुआवजा राशि दे दी है.
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