चुनावी चकल्लस : पंजा लड़ावे ला ई ऊंगलीबाज त्रिमूर्ति के धईले है हंफनी, इनिका के हऊ चाही
Sanjay Singh देश भर में पंजवा लड़ावेवाली पार्टिया में तो बरसाती मेंढक की तरह नेताजी लोग अवतरित हो गईल हैं. एक-एक गो विधानसभा सीटवा से दु दर्जन से बेसिए नेताजी लोगन चुनाव लड़े के इच्छा जताइले हैं. अब तो हालत ई हो गईल है कि कार्यकर्ता कही देखाइए न दे रहल है. जेने देखिए ओने […] The post चुनावी चकल्लस : पंजा लड़ावे ला ई ऊंगलीबाज त्रिमूर्ति के धईले है हंफनी, इनिका के हऊ चाही appeared first on lagatar.in.
Sanjay Singh
देश भर में पंजवा लड़ावेवाली पार्टिया में तो बरसाती मेंढक की तरह नेताजी लोग अवतरित हो गईल हैं. एक-एक गो विधानसभा सीटवा से दु दर्जन से बेसिए नेताजी लोगन चुनाव लड़े के इच्छा जताइले हैं. अब तो हालत ई हो गईल है कि कार्यकर्ता कही देखाइए न दे रहल है. जेने देखिए ओने नेताजी ही हैं, हाथ जोड़ले घूम रहले हैं. जईसे ही मीडियावाला लोग दिखाई देता है, ओकरा पीछे लपकल पहुंच जाते हैं. कहे लगते हैं, बॉस आप तो जानबे करते हैं, हमहूं अप्लाई किए हैं. आप तो देखिए रहे हैं कि हम कितना एक्टिव रहे हैं. फाइलवा भी हमरा ढेरे मोटा हो गईल है. हम जेतना काम कईले हैं, शायद ही ओतना काम कोई और कईले होगा. प्लीज. तनिका हमरो ध्यान रखले रहिएगा. हांल ही में पंजा पार्टिया के देवादार लोगन के स्क्रीनिंग करे लगी दिल्ली से बड़का-बड़का नेताजी लोगन आईल थे. उ लोग जगह-जगह छिछिआईल घूम रहिस थे. ढेरे मोटकी-मोटकी फाईलवा पंजा लड़ावे लगी नेताजी लोग दीहिन थे, लेकिन ऊ लोग नाटक-नौटंकी कईले, पिकनिक मनाईले फुर्र से उड़नखटोलवा से उड़ गिये. पार्टियो में नेताजी लोग चर्चा कईले है कि ई सब चोंचलाबाजी है. अरे जेकर ऊपरे गेटिंग-सेटिंग रहेगा, भाई टिकटवा तो उहे हथियावेगा.
अब देखिए न पंजवा लड़ावेवाली पार्टिया में एगो त्रिमूर्ति गैंग है. ई त्रिमूर्ति अपना पुरनका ठाकुर जी के एतना ऊंगली कईले था कि बेचारे अकुता गईल थे. जब मन करे ठाकुर जी के धसोरले रहते थे ई नेताजी लोगन. हटाओ-हटाओ…ठाकुर जी के किनार लगाओ. ठाकुर जी तो ठहरे ठाकुर, त्रिमूर्ति के तरीके से गेम बजवा दीहिन. बेचारे श्रद्धानंद रोडवा से तो धकिवले गए, तो एगो सरकारी अतिथिशाला में अड्डा जमाने लगे. भाई राजनीति में बनल रहेला है, तो त्रिुमूर्ति लोग शिक्षा-दीक्षा वाला दोकान खोल लीहिन. ऊहे दोकानवा के खेला-मेला करे लगे. लईका-लईकी से लेकर गुरुजी के भीड़ जुटावे लगीन. एगो मंत्री महोदय भी त्रिमूर्ति पर हाथ धईले थे,. उनके बदौलत त्रिमूर्ति कूद-फांद कईले रहते थे. बाद में तो ऊ शिक्षा-दीक्षा वाला संगठन के बड़का पदाधिकारियन के धकिया दीहिन. शिक्षा-दीक्षा वाली संगठनवा में भी अईसन राजनीति कीहिन कि पहिले से जमल-जमाव पदाधिकारी लोगन चारो खाने चित्त हो गिये. खैर शिक्षा-दीक्षा वाला दोकानवा चलिए रहिस है. त्रिमूर्ति ऊ दोकनवा में रहले-रहले कोई-न कोई मालवा नया परोसिए देते हैं. मालवा बिकाईबो करता है.
त्रिमूर्ति के बाद में पंजवा लड़ावेवाली पार्टिया बख्श दीहिन. वापसी हो गई, तो त्रिमूर्ति तरनाइल घूमे लगे. अब तो विधानसभा चुनउवा का समय आया है, तो त्रिमूर्ति फिरो से हाफ-डीप देले हैं. श्रद्धानंद रोडवो में इंट्रिया मिल गईस है, तो पंजा लडा़वे ला बेचाईनी थूरले है ई त्रिमूर्ति के. त्रि में से दोगो तो एक ही सीटवा लगी हाथ-पार मारले हैं. एगो विश्वविद्यालय वाले नेताजी महोदय तो उआर अपनाईल है. राजधानी के मेन सीटवे पर नदर गड़ाईले हैं. कास्ट फैक्टर, यूथ फैक्टर और न जाने कउन-कउन फैक्टर एके सांस में बके जाते हैं. दावा तो अईसन करते हैं कि पूछिए मत. बुझाता है कि पंजवा लड़ावे के मौका मिलेगा, तो उनके आगे कोइयो न टिकेगा.
ढेरे दिन से ईहो महोदय राडानित में दायां-बांया कईले हैं. छात्र वाला नेतागीरी से लेके युवा वाला क्लास भी पूरी किहीन हैं. कहते हैं कि- पूरा कोर्स किए हैं भाई, लेकिन पिंगल पाठ कईले हैं, दावा तो अईसन कईले हैं कि पूछिए मत. ई बेचारे भी अपन ईकलौता गॉडफादर के बदौलत उछल-कूद मचाईले हैं. उनके दु गो और संहतिया भी ऊहे गॉडफादर के बदौलत लांग जंप-हाई जंप कईले हैं. लेकिन ई बड़की पार्टिया में एगो सीट लगी दु दर्जन से बेसिए नेताजी लोग हाथ-पैर मारले हैं. पिंगल पाठ कईले हैं. अब देखिए आगे-आगे होता है क्या. त्रिमूर्ति के दाल गलईत है या उनका दलवा में नीमकवे तेज पड़ला जईसन मुंह बनावले पड़ेगा. वइसे त्रिमूर्ति के पंजा लड़ईया पार्टिया में उपरे तक भी ठीके-ठाक ठेक हईए है. रह-रह के त्रिमूर्ति राज्य की राजधानी से लेके देश की राजधानी तक पइडलवा मारिए आते हैं.
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