बुलडोजर कार्रवाई : SC का सरकार से सवाल, दोषी होने पर किसी का मकान गिरा देंगे क्या… पर अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं

NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सोमवार को कहा कि किसी भी व्यक्ति का मकान सिर्फ इसलिए कैसे ढहाया जा सकता है कि वह एक आरोपी है. न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने ध्वस्तीकरण कार्रवाई(बुलडोजर एक्शन) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर कहा, भले ही वह दोषी हो, फिर […] The post बुलडोजर कार्रवाई : SC का सरकार से सवाल, दोषी होने पर किसी का मकान गिरा देंगे क्या… पर अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं appeared first on lagatar.in.

Sep 2, 2024 - 17:30
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बुलडोजर कार्रवाई :  SC का सरकार से सवाल, दोषी होने पर किसी का मकान गिरा देंगे क्या… पर अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं

NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सोमवार को कहा कि किसी भी व्यक्ति का मकान सिर्फ इसलिए कैसे ढहाया जा सकता है कि वह एक आरोपी है. न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने ध्वस्तीकरण कार्रवाई(बुलडोजर एक्शन) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर कहा, भले ही वह दोषी हो, फिर भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना ऐसा नहीं किया जा सकता. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं देगा.

अवैध कब्जों पर म्युनिसिपल संस्थाओं द्वारा नोटिस देने के बाद कार्रवाई की गयी है

पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील पेश करते हुए कहा, अवैध कब्जे के मामलों में म्युनिसिपल संस्थाओं द्वारा नोटिस देने के बाद ही कार्रवाई की गयी है. साथ ही इस बात को स्वीकार किया कि अपराध में दोषी साबित होने पर भी घर नहीं गिराया जा सकता. उन्होंने स्पष्ट किया कि जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है, वे अवैध कब्जे या निर्माण के कारण निशाने पर रहे. अपराध के आरोप की वजह से उनके घर नहीं गिराये गये हैं. इस संबंध में जस्टिस विश्वनाथन ने सरकार से विस्तृत जवाब मांगा. अदालत ने नोटिस, कार्रवाई और अन्य आरोपों पर सरकार को उत्तर देने के निर्देश जारी किये.

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर तय कर दी

इस क्रम में कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर दिशानिर्देश निर्धारित करने का प्रस्ताव रखता है. पीठ ने कहा, हम अखिल भारतीय आधार पर कुछ दिशा-निर्देश निर्धारित करने का प्रस्ताव करते हैं, ताकि उठाये गये मुद्दों के संबंध में चिंताओं का समाधान किया जा सके. इसके साथ ही पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर तय कर दी.

जमीयत उलेमा ए हिंद ने दाखिल की है याचिका

बता दें कि जमीयत उलेमा ए हिन्द ने याचिका दाखिल कर सरकारों द्वारा आरोपियों के घरों पर मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की गुहार लगाई है. याचिका में यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हाल में हुई बुलडोजर कार्रवाइयों का जिक्र करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाये जाने का आरोप लगाया गया है.

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