मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने नाबालिग रेप मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी को गलत कहा, बोलीं, सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे

NewDelhi : इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज द्वारा नाबालिग से रेप के मामले में की गयी टिप्पणी लोगों को नागवार गुजरी है. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी सहित कई महिला सांसदों ने हाई कोर्ट की टिप्पणी की निंदा की है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी जज की इस टिप्पणी को गलत करार […]

Mar 21, 2025 - 17:30
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मंत्री  अन्नपूर्णा देवी ने नाबालिग रेप मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी को गलत कहा, बोलीं, सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे

NewDelhi : इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज द्वारा नाबालिग से रेप के मामले में की गयी टिप्पणी लोगों को नागवार गुजरी है. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी सहित कई महिला सांसदों ने हाई कोर्ट की टिप्पणी की निंदा की है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी जज की इस टिप्पणी को गलत करार देते हुए निंदा की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर ध्यान देने की अपील की है. कहा कि इस तरह के फैसले से समाज में गलत संदेश जाता है.

टीएमसी सांसद मालिया ने जज के कमेंट की निंदा की 

हाई कोर्ट के जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा ने रेप के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि महिला के स्तन पकड़ना और उसके पायजामे के नाडे़ को तोड़ना रेप की कोशिश के तहत अपराध नहीं माना जा सकता. यह यौन उत्पीड़न के तहत आयेगा. टीएमसी सांसद जून मालिया, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आप सांसद स्वाति मालीवाल , कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत  न  भी जज के कमेंट की निंदा की है कहा कि यह बहुत ही घृणित बात. देश में महिलाओं की पूरी तरह से उपेक्षा की जा रही है, जिसे हमें खत्म करना होगा.

स्वाति मालीवाल ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है

स्वाति मालीवाल ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं फैसले में की गयी टिप्पणियों से बहुत स्तब्ध हूं. यह बहुत शर्मनाक स्थिति है. उन लोगों द्वारा किया गया कृत्य रेप के दायरे में क्यों नहीं आता? मुझे इस फैसले के पीछे का तर्क समझ में नहीं आता. सुप्रीम कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए.

तीन युवकों ने  महिला को घर छोड़ने के बहाने अपनी बाइक पर बैठा लिया

मामला यह है कि 10 नवंबर, 2021 को यूपी के कासगंज जिले के पटियाली इलाके में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह अपनी 14 साल की बेटी के साथ कहीं जा रही थी. रास्ते में पवन, आकाश और अशोक नाम के तीन युवकों ने उसकी बेटी को घर छोड़ने के बहाने अपनी बाइक पर बैठा लिया. दर्ज महिला द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों ने रास्ते में एक पुलिया के पास बाईक रोककर उसकी बेटी के स्तन पकड़े और पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया. इसके बाद गलत इरादे से उसे पुलिया के नीचे खींच कर ले जाने लगे.

बेटी के चीखने के बाद वहां लोग पहुंच गये

बेटी के चीखने के बाद वहां लोग पहुंच गये. लोगों को अपनी ओर आते देख आरोपी नाबालिग को छोड़कर भाग गये. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 18 यानी अपराध करने के प्रयास का केस दर्ज किया गया. जिला अदालत ने इन धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया, जिसके खिलाफ आरोपियों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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