लातेहार: मूसलाधार बारिश से टापू बना महुआडांड़ का तिसिया गांव

Umesh Yadav Latehar: महुआडांड़ प्रखंड के अक्सी पंचायत का एक गांव तिसिया है. तिसिया गांव साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण हो रहे पिछले तीन दिनों से मूसलाधार बारिश में टापू बन कर रह गया है. बूढ़ा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण बाहरी दुनिया से तिसिया में निवास करने वाले लोगों का संपर्क कट गया […] The post लातेहार: मूसलाधार बारिश से टापू बना महुआडांड़ का तिसिया गांव appeared first on lagatar.in.

Sep 16, 2024 - 17:30
 0  2
लातेहार: मूसलाधार बारिश से टापू बना महुआडांड़ का तिसिया गांव

Umesh Yadav

Latehar: महुआडांड़ प्रखंड के अक्सी पंचायत का एक गांव तिसिया है. तिसिया गांव साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण हो रहे पिछले तीन दिनों से मूसलाधार बारिश में टापू बन कर रह गया है. बूढ़ा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण बाहरी दुनिया से तिसिया में निवास करने वाले लोगों का संपर्क कट गया है. बताते चलें कि लातेहार जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर और महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर बूढ़ा नदी के किनारे जंगल में बसा है अक्सी पंचायत का तिसिया गांव. यहां लगभग 70 घर हैं, जहां सात सौ की आबादी पारंपरिक तरीके से जीवन जीने को विवश है. सघन जंगल के बीच आदिम जनजाति के कोरवा समुदाय तथा नगेसिया जनजाति के अलावा यादव समुदाय के लोग निवास करते हैं.

दो सौ साल से निवास कर रहे हैं कोरवा समुदाय के लोग

इस गांव में विभिन्न टोला डाडूलबार, हेसलबार, सेंबरखाड़, बरदरा, नवाटोली और खुटी करम है. मुख्य रूप से इस गांव का पहाड़ी क्षेत्र, सेंबरखाड़ तथा बरदास में दस-दस घर केवल कोरवा समुदाय के लोग निवास करते हैं. इस क्षेत्र में कोरवा एवं नगेसिया समुदाय लगभग दो सौ साल से भी अधिक दिनों से निवास करते आ रहे हैं. जबकि यादव समुदाय के लोग अपने गाय भैंसो के साथ लगभग सौ साल पहले उत्तरप्रदेश तथा पलामू क्षेत्र से आकर बस गये हैं.

मामूली बीमारी में भी जान गंवानी पड़ती है

हाल ही में तिसिया गांव के बरदारा टोला की रहने वाली ज्योति कोरवा का प्रसव के लिए खटिया के सहारे नदी पार किया गया था. नदी में पुलिया नहीं होने के कारण कई बार मामूली बीमारी में भी जान गंवानी पड़ जाती है. हालांकि बूढ़ा पहाड़ में नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जाने वाले ऑपरेशन ऑक्टोपस के दौरान एक विकल्प के तौर पर एसपी अंजनी अंजन द्वारा ओणम सेतू का निर्माण कराया गया था. जो बबढ़ा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण अनुपयोगी हो जाता है. गांव के लोग बताते हैं की बरसात में नदी में बाढ़ आ जाती है. जिसके कारण कभी-कभी नमक तेल के बिना ही भोजन बनना पड़ता है. पठारी और पत्थरिला क्षेत्र होने के कारण यहाँ खेतीबारी लगभग नहीं के बराबर होती है.

इसे भी पढ़ें – केंद्र सरकार देश में जनगणना कराने पर कर रही मंथन, जातिगत पर संशय…सहित राष्ट्रीय खबरें एक नजर में

The post लातेहार: मूसलाधार बारिश से टापू बना महुआडांड़ का तिसिया गांव appeared first on lagatar.in.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow