UPSC ने 45 पदों के लिए लैटरल एंट्री भर्ती निकाली, विपक्ष बरसा, आरक्षण विरोधी कदम करार दिया

NewDelhi : यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा लैटरल एंट्री के जरिए 45 पदों पर नौकरियां निकाले जाने पर विपक्ष मोदी सरकार पर भड़क गया है. सरकार के इस कदम को आरक्षण विरोधी करार दिया जा रहा है. 45 संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक स्तर के पदों पर सीधी भर्ती की जायेगी. अलग-अलग मंत्रालय […] The post UPSC ने 45 पदों के लिए लैटरल एंट्री भर्ती निकाली, विपक्ष बरसा, आरक्षण विरोधी कदम करार दिया appeared first on lagatar.in.

Aug 18, 2024 - 17:30
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UPSC ने 45 पदों के लिए लैटरल एंट्री भर्ती निकाली, विपक्ष बरसा, आरक्षण विरोधी कदम करार दिया

NewDelhi : यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा लैटरल एंट्री के जरिए 45 पदों पर नौकरियां निकाले जाने पर विपक्ष मोदी सरकार पर भड़क गया है. सरकार के इस कदम को आरक्षण विरोधी करार दिया जा रहा है. 45 संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक स्तर के पदों पर सीधी भर्ती की जायेगी. अलग-अलग मंत्रालय में सीधी भर्ती होगी.

लैटरल एंट्री कॉन्ट्रैक्ट बेस पर तीन साल के लिए होगी

सूत्रों के अनुसार भर्तियां अनुभव और काम के आधार पर होनी हैं. इसकी आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. लैटरल एंट्री कॉन्ट्रैक्ट बेस पर तीन साल के लिए होगी. जॉइंट सेक्रेटरी के लिए 17 साल का, डायरेक्टर के लिए 10 साल का और डिप्टी सेक्रेटरी के लिए सात साल का अनुभव मांगा गया है. इसके अलावा पदों के हिसाब से ही शैक्षिक योग्यता मांगी गयी है. विपक्ष मोदी सरकार के इस फैसले के विरोध में उतर आया है. बता दें कि मोदी सरकार ने 2019 में पहली बार सीधी भर्ती के जरिए इन पदों पर भर्ती की थी.

मोदी सरकार प्रशासनिक स्तर पर सुधार के लिए बडे कदम उठा रही है

जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में प्रशासनिक स्तर पर सुधार के लिए बडे कदम उठा रही है. पिछले सप्ताह कैबिनेट सचिव और गृह सचिव समेत 20 सचिवों के तबादले किये गये थे. अब सरकार ने विशेषज्ञों की भर्ती (डोमेन एक्सपर्ट्स) की घोषणा कर दी है. यूपीएससी द्वारी इसका विज्ञापन जारी कर दिया गया है. संयुक्त सचिव स्तर के 10 पद और बाकी निदेशक और उप सचिव स्तर के पद भरे जाने हैं.

निजी क्षेत्र के अच्छे अनुभवी लोगों की मेहनत का लाभ मिल पायेगा

खबर है कि नवीकरणीय ऊर्जा, मीडिया, पर्यावरण, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े मंत्रालयों में भर्तियां की जायेगी. सरकार का मानना है कि एक्सपर्ट्स फील्ड के बारे में ज्यादा जानकारी रखते हैं. उनका अनुभव काफी काम आ सकता है. सरकार के इस निर्णय से निजी क्षेत्र के अच्छे अनुभवी लोगों की मेहनत का लाभ सरकारी विभागों को मिल पायेगा.

विपक्ष मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध में जुट गया है

बात करें विपक्ष की तो वह मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध में जुट गया है. कांग्रेस, बसपा, राजद सभी इस भर्ती का विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने आरक्षण पर वार किया है. कहा कि मोदी सरकार केंद्र में 45 पद भरने के लिए लैटरल एंट्री का विज्ञापन निकाला है. इसमें एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण भी नहीं है.

 UPSC की जगह  RSS के जरिए लोकसेवकों की भर्ती की जा रही है

राहुल गांधी ने कहा, नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जरिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं. केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के माध्यम से  भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है. मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है.

कहा कि चंद कॉरपोरेट्स के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण SEBI है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया. प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा.

नीचे पदों पर काम कर रहे कर्मचारी पदोन्नति से वंचित हो जायेंगे 

मोदी सरकार जानबूझकर यह कर रही है ताकि इन वर्गों के लोगों को आरक्षण से दूर रखा जा सके. बसपा चीफ मायावती भी यूपीएससी के इस विज्ञापन के विरोध में उतर गयी है. कहा है कि इससे नीचे पदों पर काम कर रहे कर्मचारी पदोन्नति से वंचित हो जायेंगे. इन पदों पर पहुंचने के लिए आईएएस अधिकारियों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है.

अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाज़े से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साजिश कर रही है, उसके खिलाफ़ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है.

भर्तियों में किसी प्रकार के आरक्षण का प्रावधान नहीं

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि इन भर्तियों में किसी प्रकार के आरक्षण का प्रावधान नहीं है. अगर यूपीएससी के जरिए भर्ती होती है तो इसमें एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण देना होता है. उन्होंने कहा, केंद्र की मोदी सरकार बाबा साहेब के लिखे संविधान और आरक्षण के साथ घिनौना मजाक कर रही है. यह विज्ञापन उसकी ही छोटी सी बानगी है. उन्होंने साथ में विज्ञापन की तस्वीर भी पोस्ट की.

 

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