कांग्रेस ने कहा, NEET scam दूसरा व्यापम है…प्रधानमंत्री मूकदर्शक बने नहीं रह सकते…
New Delhi : कांग्रेस ने चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश से जुड़ी परीक्षा नीट-स्नातक में कथित धांधली को लेकर शुक्रवार को इसे व्यापम 2.0 करार दिया. कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पर मूकदर्शक बने नहीं रह सकते. मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में फोरेंसिक जांच होनी चाहिए. […]
New Delhi : कांग्रेस ने चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश से जुड़ी परीक्षा नीट-स्नातक में कथित धांधली को लेकर शुक्रवार को इसे व्यापम 2.0 करार दिया. कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पर मूकदर्शक बने नहीं रह सकते. मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में फोरेंसिक जांच होनी चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बयान में आरोप लगाया कि मोदी सरकार और शिक्षा मंत्री व एनटीए ने नीट घोटाले की लीपापोती चालू कर दी है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
मोदी सरकार ने शिक्षा मंत्री व NTA के द्वारा NEET घोटाले की लीपापोती चालू कर दी है।
अगर NEET में पेपर लीक नहीं हुआ तो —
1. बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ़्तार क्यों किया गया?
क्या रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया व संगठित गिरोह को पेपर के बदले ₹30-₹50 लाख तक… pic.twitter.com/r234FgUZes
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 14, 2024
Delhi: “The flaws in the entire system were exposed on June 4… 67 toppers scored the full 720 out of 720 marks this year… In the last 8 years, only 7 students have achieved a perfect score,” says Congress leader Pawan Khera on the NEET result pic.twitter.com/o2PdGsP0lf
— IANS (@ians_india) June 14, 2024
बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ़्तार क्यों किया गया?
उन्होंने सवाल किया, अगर नीट में पेपर लीक नहीं हुआ तो बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ़्तार क्यों किया गया? क्या रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया व संगठित गिरोह को पेपर के बदले 30-50 लाख रुपये तक के भुगतान का पटना पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पर्दाफ़ाश नहीं किया? गुजरात के गोधरा में नीट-स्नातक में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ नहीं हुआ है? उन्होंने यह सवाल भी किया, अगर मोदी सरकार के मुताबिक नीट में कोई पेपर लीक नहीं हुआ तो ये गिरफ़्तारियां क्यों हुई? इससे क्या निष्कर्ष निकला? क्या मोदी सरकार देश की जनता की आंखों में पहले धूल झोंक रही थी या अब? खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 24 लाख युवाओं के अरमानों का गला घोंटा है
एक लाख एमबीबीएस की सीटों में 55,000 सरकारी कॉलेजों की सीट हैं
. उन्होंने दावा किया, इन एक लाख सीटों (एमबीबीएस की) में से क़रीब 55,000 सरकारी कॉलेजों की सीट हैं जहां एससी, एसटी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए सीटें आरक्षित होती हैं. मोदी सरकार ने एनटीए का दुरुपयोग कर स्कोर और रैंक की ज़ोरदार धांधली की है जिससे आरक्षित सीटों का कटऑफ भी बढ़ गया है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि नीट घोटाला व्यापम 2.0 है जिस पर मोदी सरकार लीपापोती करना चाहती है. उन्होंने कहा, मोदी सरकार को नीट घोटाले में उच्चतम न्यायालय न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र फोरेंसिक जांच का आदेश देना चाहिए. खेड़ा ने कहा कि कुछ भी गड़बड़ नहीं होने संबंधी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान शर्मनाक और छात्रों के घावों नमक छिड़कने की तरह है.
2022 में कोई भी अभ्यर्थी पूरे अंक हासिल नहीं कर सका
उन्होंने कहा, क्या यह सच नहीं है कि इस साल 67 टॉपर थे जिन्हें 720 पूर्णांक मिले? 2023 में यह संख्या सिर्फ दो थी. 2022 में कोई भी अभ्यर्थी पूरे अंक हासिल नहीं कर सका. 2021 में सिर्फ तीन उम्मीदवार ही यह स्कोर हासिल कर सके. उन्होंने कहा,प्रधानमंत्री मोदी हमेशा मूकदर्शक नहीं रह सकते. जब 24 लाख युवाओं का भविष्य दांव पर लगा है, तो वे चुप क्यों हैं? खेड़ा का कहना था, अगर मोदी सरकार का दावा है कि पूरी परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी है, तो उसे पिछले साल और इस साल 580 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों का पूरा परिणाम एनटीए द्वारा सार्वजनिक किया जाना चाहिए.
580 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों के केंद्रों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि पता चल सके कि कितने छात्र अपने स्थान से दूर नीट परीक्षा देने आये थे. उन्होंने कहा, लाखों युवा छात्रों के भविष्य की सुरक्षा के लिए केवल उच्चतम न्यायालय की निगरानी में फोरेंसिक जांच ही एक समाधान है. मोदी सरकार को खुद को देश के प्रति जवाबदेह बनाना चाहिए.
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