कोडरमा में कांटे की टक्कर, भगवा या लाल 4 जून को होगा तय
Koderma: झारखंड के दूसरे चरण के चुनाव में कोडरमा लोकसभा सबसे हॉट सीट बन गया है. यहां भगवा और लाल झंडे के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है. भाकपा माले उम्मीदवार विनोद सिंह और भाजपा उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी में कड़ी टक्कर है. वहीं झामुमो के बागी पूर्व विधायक जय प्रकाश वर्मा भाजपा के […]
Koderma: झारखंड के दूसरे चरण के चुनाव में कोडरमा लोकसभा सबसे हॉट सीट बन गया है. यहां भगवा और लाल झंडे के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है. भाकपा माले उम्मीदवार विनोद सिंह और भाजपा उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी में कड़ी टक्कर है. वहीं झामुमो के बागी पूर्व विधायक जय प्रकाश वर्मा भाजपा के परांपरगट वोटरों यानी कुशवाहा जाति को अपने पक्ष में करने में लगे हैं. जय प्रकाश वर्मा कुशवाहा समाज के बीच अपने वजूद का चुनाव बताते हुए अपने पक्ष में वोटों का ध्रुवीकरण करते दिख रहे हैं. वहीं, विनोद सिंह की साफ छवि कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के सभी वर्गों के बीच चर्चा का केंद्र बनी हुई है. माले प्रत्याशी रात-दिन चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. साल 2019 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी ने 7,53,016 वोट लाकर रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार उनकी राह आसान नहीं है. जनता उनके कामकाज का हिसाब मांग रही है.
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शिक्षा-स्वास्थ्य के मामले में कोडरमा फिसड्डी
कोडरमा शिक्षा के मामले में भी काफी पिछड़ा नजर आता है. इलाके में न तो कोई इंजीनियरिंग कॉलेज है, ना ही मेडिकल कॉलेज. स्वास्थ्य के मामले में भी कोडरमा काफी पिछड़ा हुआ है. वहीं कृषि भी बारिश पर टिकी हुई है. क्षेत्र में अगर कम बारिश हुई तो कृषि व्यवस्था चरमरा जाती है. इलाके में पत्थर खनन कार्य भी पर्यावरणीय कारणों से अधिकांश बंद हो चुका है. उपजाऊ जमीन रहते हुए भी सिंचाई के साधन सृजित नहीं होने से वैसी खेती नहीं होती जैसी होनी चाहिए. बारिश हो तो अच्छी फसल नहीं तो किसान हाथ मलते रह जाते हैं.
रोजगार व पलायन क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा
कोडरमा विधानसभा के ग्रामीण कहते हैं कि अन्नपूर्णा देवी के विधायक रहते अभ्रक नगरी के रूप में दुनिया में प्रख्यात कोडरमा की पहचान खत्म हो गयी. इसे बचाने के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. इस क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार के लिए पलायन का है. इलाके की पहचान प्रवासी श्रमिकों को उपलब्ध करानेवाले क्षेत्र के रूप में बन गयी है. राज्य के किसी अन्य संसदीय क्षेत्र से कहीं ज्यादा यहां के लोग रोजगार के लिए पलायन करते हैं.
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यादव दो भागों में बंटता नजर आ रहा
जानकार बताते हैं कि 2024 के चुनाव में कास्ट वोट टूटता नजर आ रहा है. कोडरमा लोकसभा का बरकट्ठा व कोडरमा विधानसभा यादव बहुल है. यहां का यादव वोटर दो भागों में बंटता नजर आ रहा है. वहीं, राजधनवार में भूमिहार जाति का वर्चस्व है. जमुआ में कुशवाहा व भूमिहार दोनों जातियां डोमिनेंट करती हैं. गांडेय में संताली और मुस्लिम के साथ-साथ कुशवाहा जाति के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है. वहीं बगोदर में मिश्रित आबादी है. अब तक के चुनावों में कुशवाहा वोटर भाजपा के साथ रहे हैं, लेकिन इस बार साथ छोड़ते दिख रहे हैं. कोडरमा लोस में घटवार वोटरों की संख्या एक लाख से ऊपर है. वहीं, अगड़ी जातियां करीब तीन लाख, 4.5 लाख के करीब यादव और इतने ही मुस्लिम वोटर हैं.
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