गौरव का पल, गणतंत्र दिवस परेड पर दिल्ली में होगा बिहार की झांकी का प्रदर्शन
राज्य के लिए गौरव और पहचान का अवसर Patna : गणतंत्र दिवस की तैयारियों में पूरे देश में उत्साह का माहौल है. इस धूमधाम के बीच, राज्यवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. बिहार को गणतंत्र दिवस पर एक विशेष पहचान बनाने का मौका मिला है. करीब आठ वर्षों बाद, गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर […]
राज्य के लिए गौरव और पहचान का अवसर
Patna : गणतंत्र दिवस की तैयारियों में पूरे देश में उत्साह का माहौल है. इस धूमधाम के बीच, राज्यवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. बिहार को गणतंत्र दिवस पर एक विशेष पहचान बनाने का मौका मिला है. करीब आठ वर्षों बाद, गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर बिहार सरकार की झांकी का प्रदर्शन होगा. इस झांकी के जरिये बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और शांति की परंपरा प्रदर्शित की जायेगी. इसकी जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने दी है. इस तरह, गणतंत्र दिवस परेड न केवल एक राष्ट्रीय उत्सव है, बल्कि यह बिहार के लिए गर्व और पहचान का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है.
गणतंत्र दिवस परेड, 2025 के अवसर पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर बिहार सरकार की झांकी का होगा प्रदर्शन, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया चयन: श्री महेश्वर हजारी , माननीय मंत्री ,सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग ।@MaheshwarHazar1 pic.twitter.com/NMSm0IsbSe
— IPRD Bihar (@IPRDBihar) January 14, 2025
झांकी में नालंदा की प्राचीन विरासत और संरक्षण के प्रयासों को दर्शाया जायेगा
दरअसल रक्षा मंत्रालय की ओर से ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ की थीम पर आधारित गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन किया जा रहा है. इसी के तहत परेड में बिहार की झांकी को प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया है. इस झांकी के माध्यम से नालंदा की प्राचीन विरासत और इसके संरक्षण के प्रयासों को भी दर्शाया जायेगा. वहीं नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना के माध्यम से राज्य को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर पुनः स्थापित करने के प्रयास भी दर्शाए जायेंगे.
झांकी के जरिये बिहार के ऐतिहासिक महत्व को किया जायेगा प्रदर्शित
इसके अलावा झांकी के जरिये शांति का संदेश देते हुए भगवान बुद्ध को प्रस्तुत किया जायेगा, जिसकी भव्य मूर्ति राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा जलाशय में स्थित है. यह 70 फीट ऊंची भगवान बुद्ध की अद्वितीय मूर्ति, जो एक ही पत्थर से बनी है. इस तरह यह झांकी न केवल बिहार के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करेगा, बल्कि राज्य के पर्यटन और शिक्षा के विकास में भी एक नई रोशनी डालेगा.
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