टेस्ट में फेल हुईं दवा कंपनियों ने भाजपा को खूब दिया चुनावी चंदा
डरावनी सच्चाई : जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर राजनीतिज्ञों का हाथ NewDelhi : मिलावटी घी के बाद अब मिलावटी दवाइयों को लेकर जो रिपोर्ट सामने आयी है, वह डराने वाली है. एक नयी जांच रिपोर्ट में पता चला है कि हमारे देश में 53 दवाइयों में मिलावट पायी गयी है. इन […] The post टेस्ट में फेल हुईं दवा कंपनियों ने भाजपा को खूब दिया चुनावी चंदा appeared first on lagatar.in.
डरावनी सच्चाई : जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर राजनीतिज्ञों का हाथ
NewDelhi : मिलावटी घी के बाद अब मिलावटी दवाइयों को लेकर जो रिपोर्ट सामने आयी है, वह डराने वाली है. एक नयी जांच रिपोर्ट में पता चला है कि हमारे देश में 53 दवाइयों में मिलावट पायी गयी है. इन दवाइयों में पैरासिटामॉल, पैन-डी और टेल्मा-एच जैसी दवाइयां भी शामिल हैं, जिन्हें आप बुखार, एसिडिटी और ब्लड प्रेशर के लिए इस्तेमाल करते हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें दवाई बनाने वाली बड़ी-बड़ी ब्रांडेड कंपनियां शामिल हैं. सबसे खास बात यह कि इन कंपनियों ने बड़ी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बॉन्ड के जरिये करोड़ों का चंदा दिया है. इनमें से सभी दवा कंपनियों ने सबसे ज्यादा चंदा भारतीय जनता पार्टी को दिये. हां, कांग्रेस और अन्य पार्टियों को थोड़ी-थोड़ी धनराशि चंदे के रूप में मिली है. इससे माना जा रहा है कि इन ब्रांडेड दवा कंपनियों की कारगुजारी के पीछे भी राजनीतिक दलों का वरदहस्त है. ये कंपनियां राजनीतिक दलों को चुनावी चंदा देकर जनता की सेहत के साथ धड़ल्ले से खिलवाड़ कर रही हैं.
किसने किसको कितना दिया चुनावी चंदा
टोरेंट फॉर्मास्यूटिकल्स : टोरेंट फॉर्मास्यूटिकल्स सबसे बड़ी फार्मा कंपनी का नाम है, जिसकी दो असली दवाइयां क्वॉलिटी टेस्ट में खराब निकली है. इनमें पहली दवाई का नाम शेल्कल और दूसरी दवाई का नाम मोंटियर एलसी है. इस फार्मा कंपनी ने 77 करोड़ 50 लाख रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे. जिनमें से 61 करोड़ के चुनावी बॉन्ड बीजेपी को, 5 करोड़ के चुनावी बॉन्ड कांग्रेस पार्टी को, 3 करोड़ के चुनावी बॉन्ड समाजवादी पार्टी को और एक करोड़ के चुनावी बॉन्ड आम आदमी पार्टी को भी दिये.
ऐल्केम हेल्थ साइंस : दूसरी फार्मा कंपनी का नाम है, ऐल्केम हेल्थ साइंस और ये कंपनी पैन-डी दवाई बनाती है और इसने भी बीजेपी को 15 करोड़ के चुनावी बॉन्ड दिये थे.
हेटरो लैब्स लिमिटेड : जिस तीसरी फार्मा कंपनी की दवाइयों में मिलावट मिली है, उसका नाम है हेटरो लैब्स लिमिटेड. इस कंपनी ने 25 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे, जिनमें से 20 करोड़ के चुनावी बॉन्ड तेलंगाना के चंद्रशेखर राव की पार्टी को मिले थे और पांच करोड़ के चुनावी बॉन्ड बीजेपी को मिले थे.
सन फार्मा : चौथी दवा कंपनी का नाम है, सन फार्मा फार्मा. इस कंपनी ने बीजेपी को साढ़े 31 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीद कर चंदा दिया था.
कंपनियों की सफाई : इससे आप समझ सकते हैं कि आज जिन फार्मा कंपनियों की दवाइयों में मिलावट मिली है, उन कंपनियों ने चुनावों से बड़ी-बड़ी पार्टियों को चुनावी बॉन्ड खरीद कर चंदा दिया था. हालांकि सन फार्मा और टोरेंट फार्मा कंपनी ने कहा कि जिन दवाइयों में मिलावट मिली हैं, वो नकली हैं और इन्हें इन कंपनियों ने नहीं बनाया है. लेकिन दवा कंपनियों का यह दावा किसी के गले नहीं उतर रहा है.
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