तमिलनाडु विस : राज्यपाल ने राष्ट्रगान के अपमान को लेकर अभिभाषण का बहिष्कार किया
Chennai : तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा सोमवार को संविधान और राष्ट्रगान के अपमान किये जाने को लेकर तमिलनाडु विधानसभा में अपने पारंपरिक नववर्ष अभिभाषण का बहिष्कार किये जाने की खबर है. खबरों के अनुसार राज्यपाल को सदन में लाने के लिए अध्यक्ष एम अप्पावु पारंपरिक स्वागत के लिए पहुंचे थे. लेकिन राज्यपाल तमिल […]
Chennai : तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा सोमवार को संविधान और राष्ट्रगान के अपमान किये जाने को लेकर तमिलनाडु विधानसभा में अपने पारंपरिक नववर्ष अभिभाषण का बहिष्कार किये जाने की खबर है. खबरों के अनुसार राज्यपाल को सदन में लाने के लिए अध्यक्ष एम अप्पावु पारंपरिक स्वागत के लिए पहुंचे थे. लेकिन राज्यपाल तमिल थाई वाझथु के पाठ के तीन मिनट बाद ही द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार की ओर से तैयार अपना अभिभाषण दिये बिना वहां से निकल गये.
Raj Bhavan Press Release: 1 pic.twitter.com/NiawrFS69h
— RAJ BHAVAN, TAMIL NADU (@rajbhavan_tn) January 6, 2025
#WATCH | Tamil Nadu Governor RN Ravi leaves from the Secretariat as he boycotts Governor annual address
The winter session of the Tamil Nadu Assembly began today. pic.twitter.com/Nm7HCd2dK0
— ANI (@ANI) January 6, 2025
इसके बाद राजभवन ने एक्स पर पोस्ट डाला. लिखा, आज तमिलनाडु विधानसभा में एक बार फिर संविधान और राष्ट्रगान का अपमान किया गया. राष्ट्रगान का सम्मान करना, हमारे संविधान में निहित प्रथम मौलिक कर्तव्यों में से एक है. इसे सभी राज्य विधानसभाओं में राज्यपाल के अभिभाषण की शुरुआत और अंत में गाया जाता है. आज राज्यपाल के सदन में आगमन पर केवल तमिल थाई वाझथु गाया गया.
सत्ताधारी दल द्रमुक और राजभवन के बीच जारी तकरार सार्वजनिक
जानकारों का कहना है कि राज्यपाल आरएन रवि द्वारा सोमवार को विधानसभा में अपना पारंपरिक नववर्ष भाषण न करना सत्ताधारी दल द्रमुक और राजभवन के बीच जारी तकरार को सार्वजनिक कर दिया. बता दें कि पारंपरिक तमिल थाई वाज़थु प्रार्थना गीत के पाठ के बाद तमिल मातृ देवता का आशीर्वाद लेते हुए, राज्यपाल सदन में सरकार की ओर से तैयार किये गये अपनी पारंपरिक नववर्ष संबोधन दिये बिना ही सदन से चले गए. यह लगातार तीसरा साल रहा, जब सदन में राज्य सरकार के साथ राज्यपाल का विवाद जारी रहा.
पिछले साल की बात करें को उस समय राज्य विधानसभा ने राज्यपाल के कृत्य के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था. आज राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्यपाल ने राष्ट्रगान न गाये जाने के कारण हुए अपमान के कारण अभिभाषण नहीं दिया.
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