तुलसी गबार्ड ने EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये, कांग्रेस को मोदी सरकार को घेरने का मिला मौका

NewDelhi : कांग्रेस ने अमेरिका की डायरेक्टर नेशनल इंटेलीजेंस तुलसी गबार्ड द्वारा ईवीएम (EVM) को लेकर दिये गये बयान को लेकर मोदी सरकार को घेरा है. कहा कि जिस समस्या की ओर अमेरिकी सरकार ने इशारा किया है, वह ईवीएम की विश्वसनीयता पर बहुत बड़े सवाल खड़ा करता है. अमेरिका की डायरेक्टर नेशनल इंटेलीजेंस तुलसी […]

Apr 13, 2025 - 05:30
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तुलसी गबार्ड ने EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये, कांग्रेस को मोदी सरकार को घेरने का मिला मौका

NewDelhi : कांग्रेस ने अमेरिका की डायरेक्टर नेशनल इंटेलीजेंस तुलसी गबार्ड द्वारा ईवीएम (EVM) को लेकर दिये गये बयान को लेकर मोदी सरकार को घेरा है. कहा कि जिस समस्या की ओर अमेरिकी सरकार ने इशारा किया है, वह ईवीएम की विश्वसनीयता पर बहुत बड़े सवाल खड़ा करता है.

कांग्रेस ने तुलसी गबार्ड के हवाले से कहा, ईवीएम को हैक किया जा सकता है, ईवीएम पर विश्वास नहीं किया जा सकता, ईवीएम में डाला गया वोट कभी भी बदला जा सकता है. गबार्ड ने कहा था कि हमारे पास प्रमाण हैं कि ये इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम लंबे समय से हैकर्स के लिए आसान रहे हैं. मतदान के परिणामों में हेरफेर किया जा सकता है,

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रणजीत सुरजेवाला ने एक्स पर पोस्ट कर मोदी सरकार से पूछा कि तुलसी गबार्ड द्वारा दिये गये इस बयान को 24 घंटे से ज़्यादा बीत गये लेकिन चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त चुप क्यों हैं? कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, राजग सरकार और भाजपा ने पूरी तरह से चुप्पी क्यों साध रखी है?

सूत्रों के द्वारा चुनाव आयोग यह कहलवा रहा है कि ईवीएम बिल्कुल ठीक है. पूछा कि यही बात मुख्य चुनाव आयुक्त सबके सामने आकर क्यों नहीं कहते? अगर अमेरिकी सरकार जांच के बाद EVM की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठा रही है.

सुरजेवाला ने कहा, क्या भारत सरकार और चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी नहीं बनती कि वे इस बारे में स्पष्टीकरण दें . कहा कि अब  ईवीएम के मामले में सुप्रीम कोर्ट को स्वयं संज्ञान लेना चाहिए. सुरजेवाला ने मांग की कि ईवीएम से जुड़े इस मुद्दे पर चुनाव आयोग, मुख्य चुनाव आयुक्त और प्रधानमंत्री मोदी देश को जवाब दें.

तुलसी गबार्ड के  बयान को नकारते हुए चुनाव आयोग  ने कहा कि विशिष्ट क्षमता वाली  भारत की  ईवीएम न तो किसी प्रकार के नेटवर्क (जैसे इंटरनेट, वाई-फाई या इन्फ्रारेड) से जुड़ी होती है,  भारत में इस्तेमाल हो रही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें पूरी तरह सुरक्षित, विश्वसनीय और पारदर्शी हैं.

आयोग  ने  कहा, इनमें किसी बाहरी प्रणाली से संपर्क का कोई माध्यम  नहीं होता  यह  एक सरल और सुरक्षित कैल्कुलेटर की तरह काम करती हैं, जिनमें डेटा हैकिंग या किसी प्रकार की बाहरी छेड़छाड़ की कोई संभावना ही नहीं होती. चुनाव आयोग ने कहा, भारतीय EVM प्रणाली को विदेशी संदर्भों से जोड़कर देखना भ्रामक और अनुचित है.

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