देश में नये कानून लागू, अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस की, बताया, यह न्याय व्यवस्था का भारतीयकरण है
नये कानून के तहत पहला मामला ग्वालियर में रविवार रात 12 बजकर 10 मिनट पर मोटरसाइकिल चोरी का दर्ज किया गया. NewDelhi : देशभर में सोमवार एक जुलाई से नये कानून लागू हो गये. इसे लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि आखिर देश में नये कानूनों की […]
VIDEO | “These (criminal) laws (The Bharatiya Nyaya Sanhita, The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, and The Bharatiya Sakshya Adhiniyam) have come replacing the laws (IPC, CrPC, Indian Evidence Act) made by the Britishers. It will give justice, speedy trial, and protection to… pic.twitter.com/OqjboZbmhH
— Press Trust of India (@PTI_News) July 1, 2024
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आजादी के 77 साल बाद आपराधिक न्याय प्रणाली स्वदेशी हो रही है
अमित शाह ने देशभर में नये आपराधिक कानून लागू होने के बीच सोमवार को कहा कि अब तीन नये कानूनों के कार्यान्यन के बाद दंड की जगह न्याय होगा और देरी की जगह त्वरित सुनवाई होगी. कहा कि आजादी के 77 साल बाद आपराधिक न्याय प्रणाली स्वदेशी हो रही है और यह भारतीय लोकाचार के आधार पर चलेगी. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 सोमवार से पूरे देश में प्रभावी हो गये. इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है.
न्याय कानूनों पर चार वर्ष से अधिक समय तक विचार-विमर्श किया गया
उन्होंने कहा कि इन तीनों आपराधिक न्याय कानूनों पर चार वर्ष से अधिक समय तक विचार-विमर्श किया गया. उन्होंने उम्मीद जताई कि नये आपराधिक न्याय कानूनों के तहत दोषसिद्धि दर 90 प्रतिशत तक होगी और अपराधों में कमी आयेगी. गृह मंत्री ने देश के सभी दलों से राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर आपराधिक न्याय कानूनों का समर्थन करने की अपील की और कहा कि यदि विपक्ष के किसी भी नेता को नये आपराधिक कानूनों को लेकर कोई चिंता है तो वह उनसे मिलने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने बताया कि नयी आपराधिक न्याय प्रणाली के बारे में 22.5 लाख से अधिक पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए 12,000 से अधिक मास्टर प्रशिक्षक तैनात किये गये और नये कानून के तहत पहला मामला ग्वालियर में रविवार रात 12 बजकर 10 मिनट पर मोटरसाइकिल चोरी का दर्ज किया गया.
अंग्रेजों ने राजद्रोह कानून अपनी सुरक्षा के लिए बनाया था
गृहमंत्री शाह ने कहा, पहले मॉब लिचिंग के लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं था. नये कानून में मॉब लिचिंग को परिभाषित किया गया है. इस क्रम में राजद्रोह कानून की बात करते हुए कहा कि इसे अंग्रेजों ने अपनी सुरक्षा के लिए बनाया था. इसी कानून के तहत केसरी पर प्रतिबंध लगाया गया था. गृहमंत्री ने राजद्रोह कानून को खत्म किये जाने की बात की.
सामूहिक बलात्कार पर 20 साल की कैद,नाबालिग से बलात्कार पर मृत्युदंड
गृहमंत्री ने बताया, 35 धाराओं और 13 प्रावधानों वाला एक पूरा अध्याय नये कानून में जोड़ा गया है. सामूहिक बलात्कार पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास होगा. नाबालिग से बलात्कार पर मृत्युदंड, पहचान छिपाकर या झूठे वादे करके यौन शोषण के लिए एक अलग अपराध का प्रावधान किया गया है. महिला अधिकारियों और परिवार की मौजूदगी में पीड़िता का बयान उसके घर पर दर्ज करने का प्रावधान किया गया है. ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा दी गयी है.
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