पश्चिम बंगाल : सुप्रीम कोर्ट की कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर, 25,753 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द, वेतन लौटाना होगा
Kolkata : पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ममता सरकार को करारा झटका मिला है. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने पश्चिम बंगाल के स्कूलों में 25,753 शिक्षकों सहित अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य ठहराने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर […]

Kolkata : पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ममता सरकार को करारा झटका मिला है. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने पश्चिम बंगाल के स्कूलों में 25,753 शिक्षकों सहित अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य ठहराने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर बुधवार को मुहर लगी दी है.
The Supreme Court upholds the Calcutta High Court’s decision to cancel the recruitment of more than 25,000 teachers and non-teaching staff by the SSC in 2016 for state-run and state-aided schools.
“We find no valid ground or reason to interfere with the decision of the High… pic.twitter.com/6KHK5XX0G3
— ANI (@ANI) April 3, 2025
भर्ती में गड़बड़ी किये जाने को लेकर 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी गयी है. यह आदेश भी दिया गया है कि जिन उम्मीदवारों की नियुक्तियां धोखाधड़ी की श्रेणी में रखी गयी है, उन्हें अपना वेतन लौटाना होगा.
हाईकोर्ट के निर्णय में हस्तक्षेप करने की कोई वजह नहीं
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने चयन प्रक्रिया के बारे में कड़ी टिप्पणियां करते हुए नियुक्तियों को धोखाधड़ी करार दिया है. बेंच ने कहा, हमें हाईकोर्ट के उस निर्णय में हस्तक्षेप करने की कोई वजह नहीं मिली, जिसमें कहा गया था कि दागी उम्मीदवारों की सेवाएं और उनकी नियुक्ति समाप्त कर उनका वेतन वापस करने को कहा जाये.
मामला यह है कि साल 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) ने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,000 से ज्यादा शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां की थी. बाद में इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आयी. घोटाले का खुलासा हुआ. जांच में सामने आया कि कई उम्मीदवारों को धोखाधड़ी और घूस के जरिए नौकरी दी गयी थी
सुप्रीम कोर्ट ने माना, भर्ती प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही बताते हुए माना कि यह भर्ती प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी की गयी ती, इसे सही नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार जिन उम्मीदवारों की भर्ती सही तरीके से हुई थी, लेकिन उनकी भी नियुक्ति रद्द की गयी हैं, लेकिन उन्हें वेतन वापस नहीं करना होगा.
कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे उम्मीदवार जो पूर्व में किसी अन्य सरकारी विभाग में कार्यरत थे, वे फिर से अपने पुराने विभाग में आवेदन कर सकते हैं. उनके आवेदन पर तीन माह में कार्रवाई की जायेगी. बता दें कि पिछले साल 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी. लेकिन अब कोर्ट ने मामला पूरी तरह से साफ कर दिया है.
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