सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीश 22 मार्च को मणिपुर का दौरा करेंगे, कांग्रेस ने स्वागत किया
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीशों के मणिपुर दौरे के फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की इस हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा न करने के लिए आलोचना की है, NewDelhi : खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीश 22 मार्च को मणिपुर का दौरा करेंगे. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीशों […]

कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीशों के मणिपुर दौरे के फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की इस हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा न करने के लिए आलोचना की है,
NewDelhi : खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीश 22 मार्च को मणिपुर का दौरा करेंगे. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीशों के मणिपुर दौरे के फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की इस हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा न करने के लिए आलोचना की है,
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के अनुसार न्यायमूर्ति बीआर गवई और सुप्रीम कोर्ट के पांच अन्य न्यायाधीश 22 मार्च को जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा करेंगे.
We welcome the decision of the six Supreme Court judges who will visit Manipur on March 22nd.
In August 2023, the Supreme Court stated that there was an absolute breakdown of constitutional machinery. Those were the exact words used by the Supreme Court, but despite this, it… pic.twitter.com/4N647ZMFQd
— Congress (@INCIndia) March 18, 2025
मोदी दुनिया भर में जाते हैं, असम जाते हैं, लेकिन मणिपुर नहीं जाते
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करती है. पीटीआई से बात करने के क्रम में उन्होंने याद दिलाया कि अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि पूर्वोत्तर राज्य(मणिपुर) में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है. केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए जयराम रमेश ने मणिपुर पर मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, वह दुनिया भर में जाते हैं, असम जाते हैं, अन्य जगहों पर जाते हैं, लेकिन मणिपुर नहीं जाते.
जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 200 से अधिक लोग मारे गये
बता दें कि 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 200 से अधिक लोग मारे गये हैं, सैकड़ों लोग घायल हैं. हजारों लोग विस्थापित होने को विवश हो गये हैं. याद करें कि बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिये जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च का आयोजन किया गया था. इसी दौरान हिंसा भड़क गयी थी.
न्यायमूर्ति गवई राज्य भर में विधिक सेवा शिविरों और चिकित्सा शिविरों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे
नाल्सा ने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति गवई, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत, विक्रम नाथ, एम एम सुंदरेश, के वी विश्वनाथन और एन कोटिस्वर सिंह मणिपुर उच्च न्यायालय के द्विवार्षिक समारोह के अवसर पर राहत शिविरों का दौरा करेंगे. नाल्सा ने 17 मार्च को जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि 3 मई, 2023 की विनाशकारी सांप्रदायिक हिंसा के लगभग दो साल बाद, जिसके कारण सैकड़ों लोगों की जान चली गयी.
50,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गये है. नालसा के अनुसार यात्रा के दौरान न्यायमूर्ति गवई राज्य भर में विधिक सेवा शिविरों और चिकित्सा शिविरों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे. इसके अलावी इम्फाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम और उखरुल जिलों में नये विधिक सहायता क्लीनिकों का भी उद्घाटन करेंगे.
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