सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस, Places of Worship (Special Provisions) Act 1991 के प्रावधानों को चुनौती देने का विरोध..
NewDelhi : कांग्रेस ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है. खबर है कि कांग्रेस ने भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा अधिनियम की संवैधानिक वैधता के खिलाफ दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है. […]

NewDelhi : कांग्रेस ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है. खबर है कि कांग्रेस ने भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा अधिनियम की संवैधानिक वैधता के खिलाफ दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 17 फरवरी को होगी.
Indian National Congress moves Supreme Court seeking to intervene in cases filed against the validity of Places of Worship (Special Provisions) Act 1991, which preserves the character of religious places as they existed on August 15, 1947.
— ANI (@ANI) January 16, 2025
भारत में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए यह अधिनियम आवश्यक है
कांग्रेस के आवेदन में कहा गया है कि भारत में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए यह अधिनियम आवश्यक है. इसे चुनौती देना धर्मनिरपेक्षता के स्थापित सिद्धांतों को कमजोर करने का एक प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण प्रयास प्रतीत होता है. कांग्रेस ने हस्तक्षेप किये जाने को लेकर कहा कि हमने याचिका इसलिए दायर की है कि POWA के संवैधानिक और सामाजिक महत्व पर जोर दिया जा सके.
अधिनियम में बदलाव से सांप्रदायिक सद्भाव और धर्मनिरपेक्षा को खतरा
हमें(कांग्रेस ) आशंका है कि इस अधिनियम में कोई भी बदलाव भारत के सांप्रदायिक सद्भाव और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को खतरे में डाल सकता है. इससे राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता को खतरा हो सकता है. कांग्रेस ने इस अधिनियम के संबंध में कहा कि हम धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्ध है और जब उनकी पार्टी अपने सहयोगियों के साथ लोकसभा में बहुमत में थी, तब कानून बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
कांग्रेस को कानूनन हस्तक्षेप करने की अनुमति दी जा सकती है
जानकारों ने कहा, चूंकि आवेदक(कांग्रेस), अपने निर्वाचित सदस्यों के माध्यम से POWA को पेश करने और पारित करने के लिए जिम्मेदार था, इसलिए आवेदक को हस्तक्षेप करने और POWA के पारित होने की कानूनी वैधता का बचाव करने की अनुमति दी जा सकती है. कांग्रेस का आरोप है कि देश में सभी समुदायों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए पूजा स्थल अधिनियम लागू किया जाना आवश्यक है. कांग्रेस ने अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर परोक्ष और संदिग्ध उद्देश्यों से याचिका दायर करने का आरोप लगाया.
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