हिमाचल के दो लाख से ज्यादा कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली, भाजपा-कांग्रेस भिड़े

सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस ने झूठी गारंटी दी. सरकार गारंटी को लागू करने लगी तो प्रदेश में आर्थिक संकट में आ गया. Shimla : हिमाचल प्रदेश से खबर आयी है कि सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने में असमर्थ है. जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के दो लाख से ज्यादा कर्मचारियों […] The post हिमाचल के दो लाख से ज्यादा कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली, भाजपा-कांग्रेस भिड़े appeared first on lagatar.in.

Sep 4, 2024 - 05:30
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हिमाचल के दो लाख से ज्यादा कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली, भाजपा-कांग्रेस भिड़े

सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस ने झूठी गारंटी दी. सरकार गारंटी को लागू करने लगी तो प्रदेश में आर्थिक संकट में आ गया.

Shimla : हिमाचल प्रदेश से खबर आयी है कि सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने में असमर्थ है. जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के दो लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 1.50 लाख पेंशनर्श को सैलरी-पेंशन नहीं मिली है. यह पहली है कि कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिला है. सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान की 490 करोड़ रुपये की मासिक किस्त मिलने पर वेतन का भुगतान हो पायेगा.

बताया गया है कि सामान्यत: राजस्व घाटा अनुदान की किस्त पांच-छह तारीख को सरकार के खाते में पहुंचती है. इस क्रम में 10 तारीख को केंद्रीय करों के 688 करोड़ रुपये पहुंचते हैं. कहा जा रहा है कि अब इसके बाद ही पेंशन मिल पायेगी.

 सीएम सुखविंदर सिंह ने प्रदेश में आर्थिक संकट की बातों को सिरे से नकारा  

मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह ने प्रदेश में आर्थिक संकट की बातों को सिरे से नकार रहे हैं. कहा कि हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की सैलरी नहीं रोकी गयी है. बोर्ड-निगम के कर्मचारियों की सैलरी पहले ही जारी कर दी गयी है. सरकारी विभाग का सिस्टम ठीक किया जा रहा है. जल्द ही सैलरी जारी कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि वित्तिय प्रबंधन पर सदन में चर्चा की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जनता को बताना चाहते हैं कि पूर्व की डबल इंजन की सरकार ने कैसे खजाने को लूटा है. उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.

 राज्य में  आर्थिक संकट की वजह कांग्रेस सरकार की गारंटियां   : जयराम ठाकुर

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में आर्थिक संकट की वजह कांग्रेस सरकार की गारंटियां हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार हुआ है कि सरकार तीन तारीख बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन नहीं दे पायी है. प्रदेश में गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कर्मचारियों को वेतन देने में यह सरकार असमर्थ हो गई है. हिमाचल दिवालियापन की कगार पर खड़ा हो गया है.

केंद्र द्वारा मदद नहीं मिलने के आरोपों पर जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र से रिवेन्यू डेफिसेन्ट ग्रांट हिमाचल को मिलती है. छह तारीख को उसकी किस्त आयेगी. वह रोकी नहीं गयी है हर वक्त केंद्र को कोसने रहना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस ने झूठी गारंटी दी. सरकार गारंटी को लागू करने लगी तो प्रदेश में आर्थिक संकट में आ गया.

वेतन के लिए हर महीने दो हजार करोड़ चाहिए

हिमाचल प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को वेतन के लिए हर माह लगभग दो हजार करोड़ रुपये की जरूरत है. वेतन के लिए 1200 करोड़ और पेंशन के लिए 800 करोड़ रुपये.कर्मचारियों के नेताओं ने कहा, सैलरी आने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. हिमाचल सरकार ने इससे संबंधित कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी है. कहा कि कर्मचारी किसी तरह उधार लेकर खर्चा चला रहे हैं.

कर्मचारी  ईएमआई नहीं दे पा रहे है

कर्मचारी  ईएमआई नहीं दे पा रहे है. बैंक लोन की किस्त नहीं चुका पा रहे हैं, आरोप लगाया कि जो कर्मचारी सरकार के खिलाफ़ आवाज उठा रहे हैं उनके तबादले हो रहे हैं.सूत्रों के अनुसार हिमाचल सरकार पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. 10 हजार करोड़ की कर्मचारियों की देनदारियां है. सरकार की कमाई का का ज्यादातर हिस्सा सैलरी-पेंशन, पुराना कर्ज लौटाने में चला जा रहा है.

 

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