अमित शाह का कांग्रेस पर हमला, संविधान लहराने का नहीं, विश्वास का विषय है… वे हारने पर ईवीएम लेकर घूमते हैं…
NewDelhi : राज्यसभा में आज मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 5 नवंबर 1971 को इंदिरा गांधी की सरकार ने 24वें संशोधन में नागरिक अधिकारों को कर्टेल करने का संसद को अधिकार दे दिया. अमित शाह ने 39वें संविधान संशोधन को लेकर कांग्रेस पर […]
NewDelhi : राज्यसभा में आज मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 5 नवंबर 1971 को इंदिरा गांधी की सरकार ने 24वें संशोधन में नागरिक अधिकारों को कर्टेल करने का संसद को अधिकार दे दिया. अमित शाह ने 39वें संविधान संशोधन को लेकर कांग्रेस पर हल्ला बोला. उन्होंने कहा कि यह संविधान संशोधन इसलिए किया गया क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्वाचन अमान्य कर दिया और उन्होंने प्रधानमंत्री पद की न्यायिक जांच पर भी संशोधन से रोक लगा दी. कम्युनिस्ट पार्टी पर हमलावर होते हुए कहा, भाई आप अधिकारों की बात करते हैं, रात में कभी सोचना भैया किसके साथ बैठे हो. एक कहता है कि मैं शासक हूं, मेरी कोई जांच नहीं कर सकता और हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि प्रधान सेवक हूं.
Delhi: Union Home Minister Amit Shah says, “…The first amendment was to curtail the freedom of expression by Former PM Jawahar Lal Nehru. The 24th Amendment was brought by his daughter Indira Gandhi. On November 24, 1971, the Parliament was given the right to reduce the… pic.twitter.com/Nw3dqRWX3q
— ANI (@ANI) December 17, 2024
#WATCH | Delhi: Union Home Minister Amit Shah says, “…The first amendment was made on June 18, 1951… After the formation of the Constitution, Congress did not have enough patience to wait for the Lok Sabha elections before going to power… Article 19 A was added to curtail… pic.twitter.com/QZl558C80s
— ANI (@ANI) December 17, 2024
#WATCH | Delhi: Union Home Minister Amit Shah says, “… In our Constitution, the Constitution has never been considered immutable… Article 368 has a provision to amend the Constitution… The 54-year-old leader who calls himself ‘yuva’, keeps roaming around with the… pic.twitter.com/E74ahBV6KU
— ANI (@ANI) December 17, 2024
इन्होंने इमरजेंसी में विधानसभाओं का कार्यकाल ही बढ़ाकर पांच से छह साल कर दिया
अमित शाह ने कहा, एक देश, एक चुनाव बिल पर संसद और विधानसभाओं के कार्यकाल बढ़ाने की बात पर कह रहे कि यह नहीं कर सकते. इन्होंने इमरजेंसी में विधानसभाओं का कार्यकाल ही बढ़ाकर पांच से छह साल कर दिया कि चुनाव हुए तो हार जाएंगे. विपक्ष के सदस्यों ने इस पर हंगामा शुरू कर दिया. गृह मंत्री शाह ने कहा कि खड़गे जी आपने किया है तो सुनना पड़ेगा. हिम्मत रखिए सुनने की. संविधान का सम्मान सिर्फ बातों में नहीं, कृति में भी होना चाहिए. इस चुनाव में अजीबोगरीब नजारा देखा. किसी ने आम सभा में संविधान को लहराया नहीं. संविधान लहराकर, झूठ बोलकर जनादेश लेने का कुत्सित प्रयास कांग्रेस के नेताओं ने किया. संविधान लहराने का विषय नहीं है, संविधान तो विश्वास का विषय है, श्रद्धा का विषय है. लोकसभा में किसी को मालूम नहीं था, जागरुकता नहीं थी.
75 साल के इतिहास में संविधान के नाम पर इतना बड़ा छल हमने नहीं देखा है
महाराष्ट्र चुनाव में संविधान बांटे गये. एक पत्रकार के हाथ में आ गया. कोरा था. प्रस्तावना तक नहीं थी. 75 साल के इतिहास में संविधान के नाम पर इतना बड़ा छल हमने नहीं देखा है, न सुना है. हार का कारण ढूंढते हैं, बता दूं कि लोग जान गए कि संविधान की प्रति फर्जी लेकर घूमते हो तो लोगों ने हरा दिया. अमित शाह ने वर्तमान समय में विपक्ष के हारने को लेकर कहा, वे हारने पर ईवीएम ले लेकर घूमते हैं. महाराष्ट्र में सूपड़ा साफ हो गया तो ईवीएम पर दोष और उसी दिन झारखंड में जीत गये तो हैं तो टप से नये कपड़े पहनकर जाकर शपथ ले ली. एक जगह ईवीएम सही, एक जगह उनके लिए ईवीएम खराब है.
आप जीएसटी तो लाना चाहते थे लेकिन राज्यों को कंपन्सेशन की गारंटी देना नहीं चाहते थे
श्री शाह ने कहा कि एक संविधान संशोधन हम लेकर आये, जीएसटी लाकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक सौ अलग-अलग कानूनों को समाप्त कर जनहित का काम किया. कहा कि नरेंद्र मोदी ने जीएसटी का विरोध किया था. इसलिए किया था कि आप जीएसटी तो लाना चाहते थे लेकिन राज्यों को कंपन्सेशन की गारंटी देना नहीं चाहते थे. हमने वो भी किया. हम दूसरा संशोधन लेकर आये. ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए किया. भाजपा ने पिछड़ी जातियों के कल्याण के लिए दूसरा संशोधन किया. तीसरा संशोधन गरीबों के कल्याण के लिए लाये कि जिन जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है, उनको 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने के लिए किया.
नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2021 में संविधान संशोधन कर पिछड़ी जातियों के कल्याण के लिए निर्णय लेने का अधिकार राज्यों को देने का काम किया है. और अंतिम संविधान संशोधन था महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाने के लिए. जिस दिन इस सदन में 33 फीसदी नारी शक्ति बैठेगी, संविधान निर्माताओं की कल्पना साकार हो जाएगी. इसके अलावा भी हम कई कानून लेकर आये हैं.
वोटबैंक की राजनीति के लिए मुस्लिम बहनों के साथ अन्याय करने का काम कांग्रेस ने किया
श्री शाह ने आरोप लगाया कि वोटबैंक की राजनीति के लिए मुस्लिम बहनों के साथ इतने साल तक अन्याय करने का काम कांग्रेस ने किया है. हमने तो ट्रिपल तलाक समाप्त कर मुस्लिम माताओं और बहनों को न्याय देने का काम किया है. तत्कालीन सांसद व मंत्री आरिफ मोहम्मद खान का जिक्र किया. कहा कि वे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते थे. उन्होंने कहा कि शाहबानो को मुआवजा देना चाहिए. बिचारे का मंत्री पद भी गया, सांसदी भी चली गयी. कहा कि नयी शिक्षा नीति भी हम लाये हैं और कम्युनिस्ट भी विरोध नहीं कर पाये. शिक्षा नीति आये और कम्युनिस्ट विरोध ना करें, पहली बार ऐसा हुआ है. मोदी सरकार ने नयी भारतीय न्याय संहिता के जरिये देश को गुलामी की मानसिकता से आजाद करने का काम इस सरकार ने किया. कई साल तक बजट शाम को 5.30 बजे रखते थे क्योंकि अंग्रेज की रानी की घड़ी में तब 11 बजते थे. उसे किसी ने बदला तो वाजपेयी जी ने बदला.
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