मेरठ यूनिवर्सिटी में पूछे गये सवाल में आरएसएस की तुलना नक्सली-आतंकी संगठनों से, मचा बवाल

Meerut : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना नक्सलियों और आतंकी संगठनों के साथ किये जाने को लेकर मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में बवाल मचा हुआ है. मामला यह है कि एमए पॉलिटिकल साइंस के सेकेंड सेमेस्टर में पूछे गये सवाल से विवाद हो गया है. खबरों के अनुसार भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े […]

Apr 5, 2025 - 17:30
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मेरठ यूनिवर्सिटी में पूछे गये सवाल में आरएसएस की तुलना नक्सली-आतंकी संगठनों से, मचा बवाल

Meerut : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना नक्सलियों और आतंकी संगठनों के साथ किये जाने को लेकर मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में बवाल मचा हुआ है. मामला यह है कि एमए पॉलिटिकल साइंस के सेकेंड सेमेस्टर में पूछे गये सवाल से विवाद हो गया है. खबरों के अनुसार भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने प्रश्न नंबर 87 और 93 को लेकर आपत्ति जताई.

 आरएसएस को आतंकी, उग्रवादी संगठनों के साथ जोड़ा  गया

दरअसल एमए पॉलिटिकल साइंस के पेपर में एक सवाल पूछा गया कि निम्न में से किसे परमाणु समूह नहीं माना जाता है? जवाब में चार विकल्प थे. नक्सली समूह, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, दल खालसा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ. इस सवाल का पेपर के बाहर आते ही छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया. सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया. यूनिवर्सिटी से सवाल पूछा जाने लगा कि राष्ट्रवादी संगठन को आतंकी या उग्रवादी संगठनों के साथ क्यों जोड़ा गया.

अभाविप से जुड़े छात्रों ने आपत्ति जताते हुए यूनिवर्सिटी की फैकल्टी से बात की

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) से जुड़े छात्रों ने आपत्ति जताते हुए यूनिवर्सिटी की फैकल्टी से बात की. हालांकि पहले छात्रों को रजिस्ट्रार ऑफिस में जाने से रोका गया. इस पर छात्रों ने विरोध दर्ज कराते हुए नारेबाजी की. विवाद बढ़ता देख छात्रों के साथ रजिस्ट्रार समेत अन्य अधिकारियों ने बात की.

प्रोफेसर ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए लिखित में माफी मांगी 

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस सवाल को तैयार करने वाली राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर सीमा पंवार पर कार्रवाई की. यूनिवर्सिटी ने उन्हें परीक्षा और मूल्यांकन के काम से हटा दिया. रजिस्ट्रार धीरेंद्र वर्मा ने कहा कि प्रोफेसर ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए लिखित में माफी मांगी है.

कहा कि अगर उनके सवाल से किसी की भावनाएं आहत हुईं, तो वह इसके लिए माफी मांगती हैं. प्रोफेसर सीमा पंवार ने सफाई देते हुए कहा, कोर्स के हिसाब से ही पेपर बनाया था, लेकिन विवाद के बाद वह माफी मांग चुकी हैं. उन्होंने माफी मांगते हुए लिखा है कि किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो उसके लिए वो माफी मांगती हैं.

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